निर्देशांक ज्यामिति कक्षा 10 (NCERT) - सम्पूर्ण नोट्स
नमस्ते छात्रों! आज हम कक्षा 10 गणित के एक बहुत ही महत्वपूर्ण और रोचक अध्याय - निर्देशांक ज्यामिति (Coordinate Geometry) - का अध्ययन करेंगे। यह अध्याय ज्यामिति और बीजगणित के बीच एक पुल का काम करता है। यहाँ हम बिंदुओं की स्थिति, उनके बीच की दूरी और उनसे बनने वाली आकृतियों के गुणों का अध्ययन निर्देशांकों (Coordinates) की मदद से करेंगे। यह नोट्स NCERT पाठ्यक्रम पर आधारित है और आपकी परीक्षा की तैयारी में बहुत सहायक होगा।
परिचय: कार्तीय पद्धति (Introduction: Cartesian System)
निर्देशांक ज्यामिति में, हम एक तल पर किसी बिंदु की स्थिति को दो लंबवत रेखाओं के सापेक्ष संख्याओं के एक युग्म द्वारा दर्शाते हैं।
- इन लंबवत रेखाओं को अक्ष (Axes) कहा जाता है। क्षैतिज रेखा X-अक्ष और ऊर्ध्वाधर रेखा Y-अक्ष कहलाती है।
- दोनों अक्षों के प्रतिच्छेदन बिंदु को मूल बिंदु (Origin) कहते हैं, जिसके निर्देशांक $(0, 0)$ होते हैं।
- किसी बिंदु $P$ के निर्देशांक $(x, y)$ होते हैं, जहाँ $x$ को भुज (Abscissa) (Y-अक्ष से दूरी) और $y$ को कोटि (Ordinate) (X-अक्ष से दूरी) कहते हैं।
- यह अक्ष तल को चार भागों में बांटते हैं, जिन्हें चतुर्थांश (Quadrants) कहा जाता है।
इस अध्याय में हम मुख्य रूप से तीन सूत्रों का अध्ययन करेंगे: दूरी सूत्र, विभाजन सूत्र और त्रिभुज का क्षेत्रफल।
1. दूरी सूत्र (Distance Formula)
यदि हमें दो बिंदुओं $A(x_1, y_1)$ और $B(x_2, y_2)$ के निर्देशांक ज्ञात हों, तो उनके बीच की दूरी $AB$ हम पाइथागोरस प्रमेय का उपयोग करके ज्ञात कर सकते हैं।
दूरी सूत्र: दो बिंदुओं $A(x_1, y_1)$ और $B(x_2, y_2)$ के बीच की दूरी $AB$ है:
$$ AB = \sqrt{(x_2 - x_1)^2 + (y_2 - y_1)^2} $$विशेष स्थिति: मूल बिंदु $O(0, 0)$ से किसी बिंदु $P(x, y)$ की दूरी:
$$ OP = \sqrt{(x - 0)^2 + (y - 0)^2} = \sqrt{x^2 + y^2} $$उदाहरण 1:
बिंदुओं $P(2, 3)$ और $Q(4, 1)$ के बीच की दूरी ज्ञात कीजिए।
हल:
यहाँ, $x_1 = 2, y_1 = 3$ और $x_2 = 4, y_2 = 1$।
दूरी सूत्र का प्रयोग करने पर:
$$ PQ = \sqrt{(4 - 2)^2 + (1 - 3)^2} $$ $$ PQ = \sqrt{(2)^2 + (-2)^2} $$ $$ PQ = \sqrt{4 + 4} $$ $$ PQ = \sqrt{8} = 2\sqrt{2} \text{ मात्रक} $$अतः, बिंदुओं P और Q के बीच की दूरी $2\sqrt{2}$ मात्रक है।
2. विभाजन सूत्र (Section Formula)
यह सूत्र उस बिंदु के निर्देशांक ज्ञात करने के लिए प्रयोग किया जाता है जो दो दिए गए बिंदुओं को मिलाने वाले रेखाखंड को एक निश्चित अनुपात में विभाजित करता है।
विभाजन सूत्र: उस बिंदु $P(x, y)$ के निर्देशांक जो बिंदुओं $A(x_1, y_1)$ और $B(x_2, y_2)$ को मिलाने वाले रेखाखंड को $m_1 : m_2$ के अनुपात में आंतरिक रूप से (internally) विभाजित करता है, निम्न होते हैं:
$$ P(x, y) = \left( \frac{m_1 x_2 + m_2 x_1}{m_1 + m_2}, \frac{m_1 y_2 + m_2 y_1}{m_1 + m_2} \right) $$मध्य-बिंदु सूत्र (Mid-point Formula)
यह विभाजन सूत्र का एक विशेष मामला है जब बिंदु रेखाखंड को $1:1$ के अनुपात में विभाजित करता है (अर्थात, $m_1 = 1$ और $m_2 = 1$)।
मध्य-बिंदु सूत्र: बिंदुओं $A(x_1, y_1)$ और $B(x_2, y_2)$ को मिलाने वाले रेखाखंड के मध्य-बिंदु $M(x, y)$ के निर्देशांक:
$$ M(x, y) = \left( \frac{x_1 + x_2}{2}, \frac{y_1 + y_2}{2} \right) $$उदाहरण 2:
उस बिंदु के निर्देशांक ज्ञात कीजिए जो बिंदुओं $A(4, -3)$ और $B(8, 5)$ को मिलाने वाले रेखाखंड को $3:1$ के अनुपात में आंतरिक रूप से विभाजित करता है।
हल:
यहाँ, $(x_1, y_1) = (4, -3)$, $(x_2, y_2) = (8, 5)$, $m_1 = 3$ और $m_2 = 1$।
मान लीजिए विभाजक बिंदु $P(x, y)$ है। विभाजन सूत्र का प्रयोग करने पर:
$$ x = \frac{m_1 x_2 + m_2 x_1}{m_1 + m_2} = \frac{3(8) + 1(4)}{3 + 1} = \frac{24 + 4}{4} = \frac{28}{4} = 7 $$ $$ y = \frac{m_1 y_2 + m_2 y_1}{m_1 + m_2} = \frac{3(5) + 1(-3)}{3 + 1} = \frac{15 - 3}{4} = \frac{12}{4} = 3 $$अतः, अभीष्ट बिंदु के निर्देशांक $(7, 3)$ हैं।
उदाहरण 3:
बिंदुओं $A(-2, 8)$ और $B(-6, -4)$ को मिलाने वाले रेखाखंड के मध्य-बिंदु के निर्देशांक ज्ञात कीजिए।
हल:
यहाँ, $(x_1, y_1) = (-2, 8)$ और $(x_2, y_2) = (-6, -4)$।
मध्य-बिंदु सूत्र का प्रयोग करने पर:
$$ x = \frac{x_1 + x_2}{2} = \frac{-2 + (-6)}{2} = \frac{-8}{2} = -4 $$ $$ y = \frac{y_1 + y_2}{2} = \frac{8 + (-4)}{2} = \frac{4}{2} = 2 $$अतः, मध्य-बिंदु के निर्देशांक $(-4, 2)$ हैं।
3. त्रिभुज का क्षेत्रफल (Area of a Triangle)
यदि किसी त्रिभुज के शीर्षों के निर्देशांक $A(x_1, y_1)$, $B(x_2, y_2)$ और $C(x_3, y_3)$ दिए गए हों, तो उसका क्षेत्रफल निम्नलिखित सूत्र से ज्ञात किया जा सकता है:
त्रिभुज का क्षेत्रफल: $\triangle ABC$ का क्षेत्रफल है:
$$ \text{Area}(\triangle ABC) = \frac{1}{2} |x_1(y_2 - y_3) + x_2(y_3 - y_1) + x_3(y_1 - y_2)| $$नोट: क्षेत्रफल हमेशा धनात्मक होता है, इसलिए हम सूत्र के मान का निरपेक्ष मान (absolute value) लेते हैं। मोडुलस चिन्ह $|...|$ निरपेक्ष मान को दर्शाता है।
संरेखता की शर्त (Condition of Collinearity)
तीन बिंदु $A(x_1, y_1)$, $B(x_2, y_2)$ और $C(x_3, y_3)$ संरेख (Collinear) होंगे यदि वे एक ही सीधी रेखा पर स्थित हों। इस स्थिति में, इन बिंदुओं से बनने वाले त्रिभुज का क्षेत्रफल शून्य होगा।
संरेखता की शर्त:
$$ x_1(y_2 - y_3) + x_2(y_3 - y_1) + x_3(y_1 - y_2) = 0 $$उदाहरण 4:
उस त्रिभुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए जिसके शीर्ष $A(2, 3)$, $B(-1, 0)$ और $C(2, -4)$ हैं।
हल:
यहाँ, $(x_1, y_1) = (2, 3)$, $(x_2, y_2) = (-1, 0)$ और $(x_3, y_3) = (2, -4)$।
त्रिभुज के क्षेत्रफल के सूत्र का प्रयोग करने पर:
$$ \text{Area} = \frac{1}{2} |2(0 - (-4)) + (-1)(-4 - 3) + 2(3 - 0)| $$ $$ \text{Area} = \frac{1}{2} |2(4) + (-1)(-7) + 2(3)| $$ $$ \text{Area} = \frac{1}{2} |8 + 7 + 6| $$ $$ \text{Area} = \frac{1}{2} |21| = \frac{21}{2} = 10.5 \text{ वर्ग मात्रक} $$अतः, त्रिभुज का क्षेत्रफल 10.5 वर्ग मात्रक है।
मुख्य बातें और सारांश (Key Takeaways and Summary)
इस अध्याय में हमने निर्देशांक ज्यामिति के निम्नलिखित महत्वपूर्ण सूत्र सीखे:
- दूरी सूत्र: $AB = \sqrt{(x_2 - x_1)^2 + (y_2 - y_1)^2}$
- विभाजन सूत्र: $P(x, y) = \left( \frac{m_1 x_2 + m_2 x_1}{m_1 + m_2}, \frac{m_1 y_2 + m_2 y_1}{m_1 + m_2} \right)$
- मध्य-बिंदु सूत्र: $M(x, y) = \left( \frac{x_1 + x_2}{2}, \frac{y_1 + y_2}{2} \right)$
- त्रिभुज का क्षेत्रफल: $\text{Area} = \frac{1}{2} |x_1(y_2 - y_3) + x_2(y_3 - y_1) + x_3(y_1 - y_2)|$
- संरेखता की शर्त: क्षेत्रफल $= 0$
इन सूत्रों को अच्छी तरह याद कर लें और NCERT पुस्तक के उदाहरणों और प्रश्नावली के प्रश्नों का खूब अभ्यास करें।
अभ्यास के लिए टिप्स (Practice Tips)
- सूत्रों को केवल याद न करें, बल्कि समझें कि वे कैसे प्राप्त हुए हैं (जैसे दूरी सूत्र पाइथागोरस प्रमेय से)।
- प्रश्नों को ध्यान से पढ़ें और पहचानें कि कौन सा सूत्र लागू होगा।
- निर्देशांकों ($x$ और $y$ मान) को सही ढंग से पहचानें और सूत्र में रखें।
- चिह्नों (+/-) का विशेष ध्यान रखें, खासकर दूरी सूत्र और क्षेत्रफल सूत्र में।
- जितना हो सके उतने विविध प्रकार के प्रश्नों का अभ्यास करें।