अध्याय 1: वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र (Electric Charge and Field)
कक्षा 12 भौतिकी के छात्रों के लिए, अध्याय 1: वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र (Electric Charge and Field in Hindi) स्थिरवैद्युतिकी (Electrostatics) की दुनिया में पहला कदम है। यह अध्याय fundamental concepts जैसे कूलॉम का नियम, वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता, वैद्युत द्विध्रुव की प्रकृति, और सबसे महत्वपूर्ण गाउस का नियम और उसके अनुप्रयोगों की नींव रखता है। हमारे ये Class 12 Physics Chapter 1 के Physics Notes in Hindi, जो NCERT Physics Hindi Medium पाठ्यक्रम पर आधारित हैं, आपको इन सभी विषयों को सरलता से समझने में मदद करेंगे, जिससे आपकी बोर्ड परीक्षा की तैयारी और भी मजबूत होगी।
1.1 परिचय (Introduction)
हम सब ने कभी-कभी सूखे मौसम में स्वेटर या सिंथेटिक कपड़े उतारते समय चट-चट की आवाज सुनी होगी या चिंगारियां देखी होंगी। क्या आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? बिजली का चमकना भी इसी तरह का एक सामान्य उदाहरण है जब आकाश में गर्जन होती है। कभी-कभी कार का दरवाजा खोलते समय या बस की सीट पर फिसलने के बाद लोहे की छड़ पकड़ते समय हमें बिजली के झटके जैसा महसूस होता है।
ये अनुभव हमारे शरीर से वैद्युत आवेशों (electric charges) के विसर्जित होने के कारण होते हैं। ये आवेश वैद्युतरोधी (insulating) पृष्ठों पर रगड़ के कारण एकत्र हो जाते हैं। आपने यह भी सुना होगा कि यह सब वैद्युत आवेश (स्थिरवैद्युत) के उत्पन्न होने के कारण होता है।
स्थिरवैद्युतिकी (Electrostatics): यह भौतिकी की वह शाखा है जिसमें हम ऐसे आवेशों के बारे में पढ़ते हैं जो समय के साथ बदलते या गतिमान नहीं होते हैं। इसके अंतर्गत, हम स्थिर आवेशों द्वारा उत्पन्न बलों (forces), क्षेत्रों (fields), तथा विभवों (potentials) का अध्ययन करते हैं।
2.1 वैद्युत आवेश (Electric Charge)
इतिहास के अनुसार, लगभग 600 ईसा पूर्व, ग्रीस देश के मिलेटस निवासी थेल्स (Thales) को ऊन या रेशमी वस्त्र से रगड़े गए एम्बर (amber) द्वारा हल्की वस्तुओं को आकर्षित करने की खोज का श्रेय जाता है। 'इलेक्ट्रिसिटी' (Electricity) शब्द भी ग्रीस भाषा के 'इलेक्ट्रॉन' (electron) शब्द से बना है, जिसका अर्थ एम्बर है।
उस समय, कई ऐसे पदार्थों के जोड़े ज्ञात थे जिन्हें आपस में रगड़ने पर वे हल्की वस्तुओं, जैसे घास के तिनके, सरवंडे की गोलियों (pith balls), कागज के छोटे टुकड़ों, आदि को आकर्षित कर लेते थे।
कुछ रोचक प्रेक्षण:
- 💡 अगर ऊन या रेशम के कपड़े से रगड़ी हुई दो कांच की छड़ों (glass rods) को पास लाया जाए, तो वे एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करती हैं।
- 💡 ऊन या रेशम के कपड़े, जिनसे इन छड़ों को रगड़ा गया था, वे भी आपस में एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं।
- 💡 लेकिन, कांच की छड़ और ऊन एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
- 💡 इसी तरह, बिल्ली की खाल (fur) से रगड़ी हुई दो प्लास्टिक की छड़ें (plastic rods) एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करती हैं।
- 💡 बिल्ली की खाल प्लास्टिक की छड़ों को आकर्षित करती है।
1.3 चालक तथा वैद्युतरोधी (Conductors and Insulators)
- → चालक (Conductors): वे पदार्थ जो आसानी से अपने में से होकर विद्युत को प्रवाहित होने देते हैं, उन्हें चालक कहते हैं। उनमें ऐसे वैद्युत आवेश (इलेक्ट्रॉन) होते हैं जो पदार्थ के भीतर गति के लिए अपेक्षाकृत स्वतंत्र होते हैं। उदाहरण: धातुएं, मानव शरीर, पृथ्वी।
- → वैद्युतरोधी (Insulators): वे पदार्थ जो अपने से होकर प्रवाहित होने वाली विद्युत पर उच्च प्रतिरोध लगाते हैं। उदाहरण: कांच, प्लास्टिक, नायलॉन, लकड़ी।
- → अर्धचालक (Semiconductors): इनकी चालकता चालकों और वैद्युतरोधियों के बीच होती है।
1.8 वैद्युत क्षेत्र रेखाएं (Electric Field Lines)
वैद्युत क्षेत्र रेखाएं वैद्युत क्षेत्र का एक चित्रात्मक निरूपण हैं। यह एक ऐसा काल्पनिक वक्र है जिसके किसी भी बिंदु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिंदु पर वैद्युत क्षेत्र की दिशा को निरूपित करती है।
क्षेत्र रेखाओं के गुण:
- ★ क्षेत्र रेखाएं धनावेश से आरंभ होकर ऋणावेश पर समाप्त होती हैं।
- ★ किसी आवेश मुक्त क्षेत्र में, क्षेत्र रेखाएं सतत वक्र होती हैं जो कहीं नहीं टूटतीं।
- ★ दो क्षेत्र रेखाएं एक-दूसरे को कभी नहीं काटतीं, क्योंकि यदि वे काटें तो कटान बिंदु पर क्षेत्र की दो दिशाएं होंगी, जो असंभव है।
- ★ स्थिर वैद्युत क्षेत्र रेखाएं बंद लूप (closed loops) नहीं बनातीं।
- ★ जहाँ क्षेत्र रेखाएं सघन (पास-पास) होती हैं, वहाँ वैद्युत क्षेत्र प्रबल होता है और जहाँ वे दूर-दूर होती हैं, वहाँ क्षेत्र दुर्बल होता है।
अध्याय का सारांश (Chapter Summary)
- ✔ वैद्युत आवेश दो प्रकार के होते हैं: धनात्मक और ऋणात्मक। सजातीय आवेश प्रतिकर्षित और विजातीय आवेश आकर्षित करते हैं।
- ✔ आवेश के गुण: यह योज्य, संरक्षित और क्वांटीकृत होता है ($q=ne$)।
- ✔ कूलॉम का नियम दो बिंदु आवेशों के बीच बल ($F \propto q_1q_2/r^2$) का वर्णन करता है।
- ✔ वैद्युत क्षेत्र ($\mathbf{E}$): किसी आवेश के चारों ओर का प्रभाव क्षेत्र है, जहाँ $\mathbf{E} = \mathbf{F}/q_0$ होता है।
- ✔ वैद्युत क्षेत्र रेखाएं क्षेत्र का चित्रात्मक निरूपण हैं, जो धनावेश से शुरू होकर ऋणावेश पर समाप्त होती हैं।
- ✔ वैद्युत द्विध्रुव समान परिमाण और विपरीत प्रकृति के आवेशों का एक युग्म है, जिसका द्विध्रुव आघूर्ण $\mathbf{p}=q(2a)\hat{\mathbf{p}}$ होता है।
- ✔ वैद्युत फ्लक्स ($\Phi_E$): किसी पृष्ठ से लंबवत गुजरने वाली क्षेत्र रेखाओं की माप है, $\Phi_E = \mathbf{E} \cdot \mathbf{S}$।
- ✔ गाउस का नियम वैद्युत फ्लक्स और परिबद्ध आवेश के बीच संबंध स्थापित करता है: $\Phi_E = q_{net}/\epsilon_0$ । यह सममित आवेश वितरणों के लिए बहुत उपयोगी है।
हमें उम्मीद है कि ये नोट्स आपके लिए उपयोगी साबित होंगे। यदि आपका कोई प्रश्न है, तो नीचे टिप्पणी में पूछें!
अध्याय से संबंधित कीवर्ड्स
वैद्युत आवेश, वैद्युत क्षेत्र, कूलॉम का नियम, गाउस का नियम, वैद्युत द्विध्रुव, स्थिरवैद्युतिकी, वैद्युत फ्लक्स, भौतिकी नोट्स, कक्षा 12 भौतिकी, वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र नोट्स, Electric Charge and Field in Hindi, Class 12 Physics Chapter 1 notes, कूलॉम का नियम क्या है, वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता का सूत्र, गाउस के नियम के अनुप्रयोग, वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण, स्थिरवैद्युतिकी के मूल सिद्धांत, NCERT भौतिकी हिंदी माध्यम, सतत आवेश वितरण, आवेश का क्वांटीकरण, आवेश संरक्षण का नियम, एकसमान वैद्युत क्षेत्र में द्विध्रुव, चालक तथा वैद्युतरोधी, वैद्युत क्षेत्र रेखाओं के गुण, बिंदु आवेश के कारण वैद्युत क्षेत्र, अध्यारोपण का सिद्धांत, भौतिकी अध्याय 1 कक्षा 12, हिंदी में भौतिकी नोट्स, class 12 physics notes hindi, board exam physics preparation, electric charge and field notes for class 12, gauss law applications hindi, electrostatics class 12 in hindi.