NCERT class10 maths chapter05- अंकगणितीय श्रेढ़ी (Arithmetic Progression) | Revision notes| Exercise solved

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अंकगणितीय श्रेढ़ी (Arithmetic Progression) - संपूर्ण आत्म-अध्ययन नोट्स | Chapter 5

अंकगणितीय श्रेढ़ी (Arithmetic Progression)

इस अध्याय में, हम संख्याओं के एक विशेष प्रकार के प्रतिरूप (pattern) का अध्ययन करेंगे जिसे अंकगणितीय श्रेढ़ी या A.P. कहते हैं।

1. महत्वपूर्ण विषयों की सरल एवं स्पष्ट व्याख्या

आप प्रकृति में और अपने दैनिक जीवन में कई प्रतिरूप देखते होंगे। उदाहरणों में शामिल हैं:

  • सूर्यमुखी के फूल की पंखुड़ियाँ।
  • मधुमक्खी के छत्ते के छेद।
  • एक भुट्टे पर दाने।
  • एक अनानास या पाइन कोन पर सर्पिल।
  • एक व्यक्ति का वार्षिक वेतन वृद्धि के साथ।
  • सीढ़ी के डंडों की लंबाई जो ऊपर की ओर एक समान रूप से घटती है।
  • एक बचत योजना में धन जो एक निश्चित अवधि के बाद खुद का एक निश्चित गुना हो जाता है।
  • अलग-अलग भुजाओं वाले वर्गों में इकाई वर्गों की संख्या।
  • एक गुल्लक में प्रतिवर्ष डाली जाने वाली राशि जो एक निश्चित राशि से बढ़ती है।
  • खरगोशों के जोड़ों की संख्या जो एक निश्चित प्रतिरूप का अनुसरण करती है।

कुछ प्रतिरूपों में, अगला पद पिछले पद में एक निश्चित संख्या जोड़कर प्राप्त किया जाता है। कुछ में, पद पिछले पद को एक निश्चित संख्या से गुणा करके प्राप्त होते हैं। और कुछ में, वे क्रमागत संख्याओं के वर्ग होते हैं।

इस अध्याय में, हम उस प्रतिरूप का अध्ययन करेंगे जिसमें लगातार पद पिछले पद में एक निश्चित संख्या जोड़कर प्राप्त किए जाते हैं।

2. प्रमुख परिभाषाएँ, संकल्पनाएँ और शब्दों की स्पष्ट व्याख्या

पद (Term): संख्याओं की किसी सूची में प्रत्येक संख्या एक पद कहलाती है।

अंकगणितीय श्रेढ़ी (Arithmetic Progression या A.P.): संख्याओं की एक ऐसी सूची जिसमें प्रत्येक पद (पहले पद को छोड़कर) अपने पिछले पद में एक निश्चित संख्या जोड़ने पर प्राप्त होता है, अंकगणितीय श्रेढ़ी कहलाती है।

सार्व अंतर (Common Difference): यह निश्चित संख्या जो A.P. में अगले पद को पिछले पद में जोड़ने पर प्राप्त होती है, A.P. का सार्व अंतर कहलाती है।

  • सार्व अंतर धनात्मक (+ve), ऋणात्मक (-ve) या शून्य हो सकता है।
  • इसे 'd' से दर्शाया जाता है।
  • एक A.P. \(a_1, a_2, a_3, \ldots, a_n\) के लिए, सार्व अंतर \(d = a_2 - a_1 = a_3 - a_2 = \ldots = a_n - a_{n-1}\) होता है।
  • दिए गए A.P. का 'd' ज्ञात करने के लिए, हमें \(a_2 - a_1\) या \(a_3 - a_2\) आदि में से किसी एक को ज्ञात करना पर्याप्त है।
  • महत्वपूर्ण बात यह है कि 'd' ज्ञात करने के लिए हमेशा \((k+1)\)वें पद में से \(k\)वें पद को घटाना चाहिए, भले ही \((k+1)\)वां पद छोटा हो।

A.P. का व्यापक रूप (General Form of an A.P.): यदि पहले पद को 'a' और सार्व अंतर को 'd' से दर्शाया जाए, तो एक A.P. का व्यापक रूप \(a, a + d, a + 2d, a + 3d, \ldots\) होता है।

परिमित A.P. (Finite Arithmetic Progression): एक A.P. जिसमें पदों की संख्या निश्चित (finite) होती है, परिमित A.P. कहलाती है। ऐसी A.P. का एक अंतिम पद (last term) होता है।

अपरिमित A.P. (Infinite Arithmetic Progression): एक A.P. जिसमें पदों की संख्या अपरिमित (infinite) होती है, अपरिमित A.P. कहलाती है। ऐसी A.P. में कोई अंतिम पद नहीं होता।

A.P. का nवाँ पद (n-th Term of an A.P.): पहले पद 'a' और सार्व अंतर 'd' वाली A.P. का nवाँ पद (या व्यापक पद, general term) \(a_n\) सूत्र द्वारा प्राप्त होता है:

\(a_n = a + (n - 1)d\)
  • \(a_n\) को A.P. का व्यापक पद भी कहते हैं।
  • यदि किसी A.P. में m पद हैं, तो \(a_m\) उसके अंतिम पद को दर्शाता है, जिसे कभी-कभी 'l' द्वारा भी व्यक्त किया जाता है।

A.P. के पहले n पदों का योग (Sum of First n Terms of an A.P.):

  • किसी A.P. के पहले n पदों का योग S सूत्र से प्राप्त होता है:
\(S_n = \frac{n}{2} [2a + (n - 1)d]\)
  • इसे \(S_n\) से भी व्यक्त किया जाता है।
  • यदि एक परिमित A.P. का अंतिम पद (मान लीजिए nवाँ पद) 'l' है, तो इस A.P. के सभी पदों का योग S सूत्र से प्राप्त होता है:
\(S_n = \frac{n}{2} (a + l)\)

यह सूत्र तब उपयोगी होता है जब A.P. के पहले और अंतिम पद दिए गए हों और सार्व अंतर नहीं दिया गया हो。

  • किसी A.P. का nवाँ पद उसके पहले n पदों के योग और पहले (n-1) पदों के योग के अंतर के बराबर होता है। अर्थात्:
\(a_n = S_n - S_{n-1}\)

समांतर माध्य (Arithmetic Mean): यदि a, b, c A.P. में हैं, तो \(b = \frac{a+c}{2}\) होता है और b, a तथा c का समांतर माध्य कहलाता है।

3. पुस्तक में दिए गए सभी उदाहरणों को चरण-दर-चरण हल करके समझाइए

उदाहरण 1: A.P. : \(\frac{3}{2}, \frac{1}{2}, –\frac{1}{2}, –\frac{3}{2} , \ldots,\) के लिए प्रथम पद 'a' और सार्व अंतर 'd' लिखिए।

हल:

  • दी गई A.P. है: \(\frac{3}{2}, \frac{1}{2}, -\frac{1}{2}, -\frac{3}{2}, \ldots\)
  • प्रथम पद (a) सूची का पहला पद होता है।
    • यहाँ, \(a = \frac{3}{2}\)।
  • सार्व अंतर (d) ज्ञात करने के लिए, हम किसी भी दो क्रमागत पदों के अंतर की गणना करते हैं (अगले पद में से पिछले पद को घटाते हैं)।
    • \(d = a_2 - a_1 = \frac{1}{2} - \frac{3}{2} = \frac{1 - 3}{2} = \frac{-2}{2} = -1\)।
    • या, \(d = a_3 - a_2 = -\frac{1}{2} - \frac{1}{2} = \frac{-1 - 1}{2} = \frac{-2}{2} = -1\)।
  • सभी क्रमागत पदों का अंतर समान है, जो कि -1 है।
  • अतः, सार्व अंतर \(d = -1\)।
उदाहरण 2: संख्याओं की निम्नलिखित सूचियों में से कौन-कौन से A.P. नहीं हैं? यदि इनमें से कोई A.P. है, तो उसके अगले दो पद लिखिए। (i) 4, 10, 16, 22, . . . (ii) 1, – 1, – 3, – 5, . . . (iii) – 2, 2, – 2, 2, – 2, . . . (iv) 1, 1, 1, 2, 2, 2, 3, 3, 3, . . .

हल: यह जांचने के लिए कि सूची A.P. है या नहीं, हम क्रमागत पदों के बीच का अंतर ज्ञात करते हैं (\(a_{k+1} - a_k\))। यदि अंतर सभी क्रमागत पदों के लिए समान है, तो सूची एक A.P. है।

(i) 4, 10, 16, 22, . . .

  • \(a_2 - a_1 = 10 - 4 = 6\)
  • \(a_3 - a_2 = 16 - 10 = 6\)
  • \(a_4 - a_3 = 22 - 16 = 6\)
  • चूंकि हर बार \(a_{k+1} - a_k\) समान है (6), यह एक A.P. है। सार्व अंतर \(d = 6\)।
  • अगले दो पद होंगे: \(22 + 6 = 28\) और \(28 + 6 = 34\)।

(ii) 1, – 1, – 3, – 5, . . .

  • \(a_2 - a_1 = -1 - 1 = -2\)
  • \(a_3 - a_2 = -3 - (-1) = -3 + 1 = -2\)
  • \(a_4 - a_3 = -5 - (-3) = -5 + 3 = -2\)
  • चूंकि हर बार \(a_{k+1} - a_k\) समान है (-2), यह एक A.P. है। सार्व अंतर \(d = -2\)।
  • अगले दो पद होंगे: \(-5 + (-2) = -7\) और \(-7 + (-2) = -9\)।

(iii) – 2, 2, – 2, 2, – 2, . . .

  • \(a_2 - a_1 = 2 - (-2) = 2 + 2 = 4\)
  • \(a_3 - a_2 = -2 - 2 = -4\)
  • चूंकि \(a_2 - a_1 \neq a_3 - a_2\) (\(4 \neq -4\)), दी गई सूची एक A.P. नहीं है।

(iv) 1, 1, 1, 2, 2, 2, 3, 3, 3, . . .

  • \(a_2 - a_1 = 1 - 1 = 0\)
  • \(a_3 - a_2 = 1 - 1 = 0\)
  • \(a_4 - a_3 = 2 - 1 = 1\)
  • यहाँ, \(a_2 - a_1 = a_3 - a_2 \neq a_4 - a_3\) (\(0 = 0 \neq 1\))। चूंकि अंतर समान नहीं है, दी गई सूची एक A.P. नहीं है।
उदाहरण 3: A.P. : 2, 7, 12, . . . का 10वाँ पद ज्ञात कीजिए।

हल:

  • दी गई A.P. है: 2, 7, 12, ...।
  • यहाँ, प्रथम पद \(a = 2\) है।
  • सार्व अंतर \(d = 7 - 2 = 5\) है।
  • हमें 10वाँ पद (\(n = 10\)) ज्ञात करना है।
  • nवें पद का सूत्र है: \(a_n = a + (n - 1)d\)।
  • \(a_{10} = 2 + (10 - 1) \times 5\)
  • \(a_{10} = 2 + 9 \times 5\)
  • \(a_{10} = 2 + 45\)
  • \(a_{10} = 47\)।
  • अतः दी गई A.P. का 10वाँ पद 47 है।
उदाहरण 4: A.P. : 21, 18, 15, . . . का कौन-सा पद – 81 है? साथ ही क्या इस A.P. का कोई पद 'शून्य' है? सकारण उत्तर दीजिये।

हल:

  • दी गई A.P. है: 21, 18, 15, ...।
  • यहाँ, प्रथम पद \(a = 21\) है।
  • सार्व अंतर \(d = 18 - 21 = -3\) है।
  • यह ज्ञात करने के लिए कि -81 कौन-सा पद है, मान लीजिए \(a_n = -81\) है। हमें \(n\) ज्ञात करना है।
  • सूत्र \(a_n = a + (n - 1)d\) का प्रयोग करने पर:
    • \(-81 = 21 + (n - 1)(-3)\)
    • \(-81 - 21 = (n - 1)(-3)\)
    • \(-102 = (n - 1)(-3)\)
    • \((n - 1) = \frac{-102}{-3}\)
    • \(n - 1 = 34\)
    • \(n = 34 + 1 = 35\)।
  • चूंकि \(n\) एक धनात्मक पूर्णांक है, 35वाँ पद -81 है।
  • यह ज्ञात करने के लिए कि क्या कोई पद शून्य है, मान लीजिए \(a_n = 0\) है। हमें \(n\) ज्ञात करना है।
  • सूत्र \(a_n = a + (n - 1)d\) का प्रयोग करने पर:
    • \(0 = 21 + (n - 1)(-3)\)
    • \( -(n - 1)(-3) = 21 \) (या \( -21 = (n-1)(-3) \))
    • \(3(n - 1) = 21\)
    • \(n - 1 = \frac{21}{3}\)
    • \(n - 1 = 7\)
    • \(n = 7 + 1 = 8\)।
  • चूंकि \(n\) एक धनात्मक पूर्णांक है, हाँ, इस A.P. का 8वाँ पद शून्य है।
उदाहरण 5: वह A.P. निर्धारित कीजिए जिसका तीसरा पद 5 और 7वाँ पद 9 है।

हल:

  • हमें दिया गया है: तीसरा पद (\(a_3\)) = 5 और 7वाँ पद (\(a_7\)) = 9।
  • nवें पद का सूत्र है \(a_n = a + (n - 1)d\)।
  • तीसरे पद के लिए: \(a_3 = a + (3 - 1)d = a + 2d\)।
    • अतः, \(a + 2d = 5\) (समीकरण 1)।
  • सातवें पद के लिए: \(a_7 = a + (7 - 1)d = a + 6d\)।
    • अतः, \(a + 6d = 9\) (समीकरण 2)।
  • अब हमारे पास 'a' और 'd' में दो रैखिक समीकरण हैं। इन समीकरणों को हल करते हैं:
    समीकरण 2: \(a + 6d = 9\)
    समीकरण 1: \(a + 2d = 5\)
    समीकरण 2 में से समीकरण 1 को घटाने पर:
    \((a + 6d) - (a + 2d) = 9 - 5\)
    \(4d = 4\)
    \(d = \frac{4}{4} = 1\)।
  • 'd = 1' को समीकरण 1 में रखने पर:
    \(a + 2(1) = 5\)
    \(a + 2 = 5\)
    \(a = 5 - 2 = 3\)।
  • तो, प्रथम पद \(a = 3\) और सार्व अंतर \(d = 1\) है।
  • वांछित A.P. का व्यापक रूप \(a, a+d, a+2d, a+3d, \ldots\) है।
  • A.P. है: \(3, 3+1, 3+2(1), 3+3(1), \ldots\)।
  • A.P. है: 3, 4, 5, 6, 7, ...
उदाहरण 6: क्या संख्याओं की सूची 5, 11, 17, 23, . . . का कोई पद 301 है? क्यों?

हल:

  • दी गई सूची है: 5, 11, 17, 23, ...।
  • पहले जांचें कि क्या यह एक A.P. है।
    • \(a_2 - a_1 = 11 - 5 = 6\)
    • \(a_3 - a_2 = 17 - 11 = 6\)
    • \(a_4 - a_3 = 23 - 17 = 6\)
  • चूंकि क्रमागत पदों का अंतर हर बार समान (6) है, यह एक A.P. है।
  • यहाँ, प्रथम पद \(a = 5\) और सार्व अंतर \(d = 6\) है।
  • यह ज्ञात करने के लिए कि क्या 301 इस A.P. का कोई पद है, मान लीजिए \(a_n = 301\) है। हमें n ज्ञात करना है।
  • सूत्र \(a_n = a + (n - 1)d\) का प्रयोग करने पर:
    • \(301 = 5 + (n - 1) \times 6\)
    • \(301 - 5 = (n - 1) \times 6\)
    • \(296 = (n - 1) \times 6\)
    • \((n - 1) = \frac{296}{6}\)
    • \(n - 1 = \frac{148}{3}\)
    • \(n = \frac{148}{3} + 1 = \frac{148 + 3}{3} = \frac{151}{3}\)।
  • चूंकि n एक धनात्मक पूर्णांक होना चाहिए (पद की संख्या हमेशा एक पूर्ण संख्या होती है), और \(\frac{151}{3}\) एक पूर्णांक नहीं है।
  • अतः, 301 दी गई संख्याओं की सूची का कोई पद नहीं है।
उदाहरण 7: दो अंकों वाली कितनी संख्याएँ 3 से विभाज्य हैं?

हल:

  • दो अंकों वाली संख्याएँ 10 से 99 तक होती हैं।
  • हमें वे दो अंकों वाली संख्याएँ चाहिए जो 3 से विभाज्य हों।
  • 3 से विभाज्य दो अंकों वाली पहली संख्या 12 है।
  • 3 से विभाज्य दो अंकों वाली अगली संख्याएँ 15, 18, ... होंगी।
  • 3 से विभाज्य दो अंकों वाली अंतिम संख्या 99 है।
  • इस प्रकार, हमें 3 से विभाज्य दो अंकों वाली संख्याओं की सूची मिलती है: 12, 15, 18, . . . , 99।
  • यह एक A.P. है क्योंकि क्रमागत पदों का अंतर 3 (15-12=3, 18-15=3) है।
  • यहाँ, प्रथम पद \(a = 12\) है।
  • सार्व अंतर \(d = 3\) है।
  • अंतिम पद \(a_n = 99\) है।
  • हमें इस A.P. में पदों की संख्या (n) ज्ञात करनी है।
  • सूत्र \(a_n = a + (n - 1)d\) का प्रयोग करने पर:
    • \(99 = 12 + (n - 1) \times 3\)
    • \(99 - 12 = (n - 1) \times 3\)
    • \(87 = (n - 1) \times 3\)
    • \((n - 1) = \frac{87}{3}\)
    • \(n - 1 = 29\)
    • \(n = 29 + 1 = 30\)।
  • अतः, 3 से विभाज्य दो अंकों वाली 30 संख्याएँ हैं।
उदाहरण 8: A.P. : 10, 7, 4, . . ., – 62 का अंतिम पद से (प्रथम पद की ओर) 11वाँ पद ज्ञात कीजिए।

हल:

  • दी गई A.P. है: 10, 7, 4, ..., -62।
  • यहाँ, प्रथम पद \(a = 10\) है।
  • सार्व अंतर \(d = 7 - 10 = -3\) है।
  • अंतिम पद \(l = -62\) है।

विधि 1: पदों की कुल संख्या ज्ञात करके

  • पहले हमें A.P. में पदों की कुल संख्या (n) ज्ञात करनी होगी। अंतिम पद \(l = a_n\) है, इसलिए \(-62 = a + (n - 1)d\)।
    • \(-62 = 10 + (n - 1)(-3)\)
    • \(-62 - 10 = (n - 1)(-3)\)
    • \(-72 = (n - 1)(-3)\)
    • \(n - 1 = \frac{-72}{-3} = 24\)
    • \(n = 24 + 1 = 25\)।
  • अतः, दी गई A.P. में कुल 25 पद हैं।
  • अंतिम पद से 11वाँ पद, पहले पद से \((25 - 11 + 1)\)वाँ पद होगा। ध्यान दें कि यह (कुल पद - अंतिम से स्थान + 1)वां पद होता है।
  • अंतिम से 11वाँ पद, पहले से \((25 - 11 + 1) = 15\)वाँ पद होगा।
  • हमें 15वाँ पद (\(a_{15}\)) ज्ञात करना है।
    • \(a_{15} = a + (15 - 1)d\)
    • \(a_{15} = 10 + (14)(-3)\)
    • \(a_{15} = 10 - 42\)
    • \(a_{15} = -32\)।
  • अतः, अंतिम पद से 11वाँ पद -32 है।

विधि 2: A.P. को विपरीत क्रम में देखकर

  • यदि हम A.P. को विपरीत क्रम में देखें, तो यह -62, ..., 4, 7, 10 बन जाती है।
  • इस नई A.P. का प्रथम पद \(a' = -62\) है।
  • इस नई A.P. का सार्व अंतर \(d'\) मूल A.P. के सार्व अंतर (-3) का ऋणात्मक होगा, यानी \(d' = -(-3) = 3\) होगा। (ऐसा इसलिए है क्योंकि पदों का अंतर उलट जाता है)।
  • अब हमें इस नई A.P. का 11वाँ पद ज्ञात करना है।
  • सूत्र \(a_n = a + (n - 1)d\) का प्रयोग करते हुए, जहाँ \(a = a'\), \(d = d'\) और \(n = 11\):
    • \(a_{11} = a' + (11 - 1)d'\)
    • \(a_{11} = -62 + (10)(3)\)
    • \(a_{11} = -62 + 30\)
    • \(a_{11} = -32\)।
  • अतः, अंतिम पद से 11वाँ वांछित पद -32 है।
उदाहरण 9: ₹ 1000 की एक धनराशि 8% वार्षिक साधारण ब्याज पर निवेश की जाती है। प्रत्येक वर्ष के अंत में ब्याज परिकलित कीजिए। क्या ये ब्याज एक A.P. बनाते हैं? यदि ऐसा है, तो इस तथ्य का प्रयोग करते हुए 30 वर्षों के अंत में ब्याज परिकलित कीजिए।

हल:

  • मूलधन (P) = ₹ 1000।
  • ब्याज दर (R) = 8% प्रति वर्ष।
  • साधारण ब्याज ज्ञात करने का सूत्र है: साधारण ब्याज = \(\frac{P \times R \times T}{100}\)।
  • प्रथम वर्ष के अंत में ब्याज (T=1):
    • ब्याज = \(\frac{1000 \times 8 \times 1}{100} = 80\)।
  • दूसरे वर्ष के अंत में ब्याज (T=2):
    • ब्याज = \(\frac{1000 \times 8 \times 2}{100} = 160\)।
  • तीसरे वर्ष के अंत में ब्याज (T=3):
    • ब्याज = \(\frac{1000 \times 8 \times 3}{100} = 240\)।
  • इसी प्रकार, चौथे, पाँचवें, आदि वर्षों के अंत में ब्याज परिकलित कर सकते हैं।
  • पहले, दूसरे, तीसरे, ... वर्षों के अंत में ब्याज (₹ में) क्रमशः हैं: 80, 160, 240, ...।
  • यह जांचने के लिए कि क्या यह सूची एक A.P. है, क्रमागत पदों का अंतर ज्ञात करते हैं:
    • \(160 - 80 = 80\)
    • \(240 - 160 = 80\)
  • चूंकि किन्हीं दो क्रमागत पदों का अंतर समान (80) है, यह एक A.P. है।
  • यहाँ, प्रथम पद \(a = 80\) है।
  • सार्व अंतर \(d = 80\) है।
  • 30 वर्षों के अंत में ब्याज परिकलित करने के लिए, हमें 30वाँ पद (\(a_{30}\)) ज्ञात करना होगा।
  • सूत्र \(a_n = a + (n - 1)d\) का प्रयोग करने पर:
    • \(a_{30} = 80 + (30 - 1) \times 80\)
    • \(a_{30} = 80 + 29 \times 80\)
    • \(a_{30} = 80 + 2320\)
    • \(a_{30} = 2400\)।
  • अतः, 30 वर्षों के अंत में ब्याज ₹ 2400 होगा।
उदाहरण 10: फूलों की एक क्यारी की पहली पंक्ति में 23 गुलाब के पौधे हैं, दूसरी पंक्ति में 21 गुलाब के पौधे हैं, तीसरी पंक्ति में 19 गुलाब के पौधे हैं, इत्यादि। उसकी अंतिम पंक्ति में 5 गुलाब के पौधे हैं। इस क्यारी में कुल कितनी पंक्तियाँ हैं?

हल:

  • गुलाब के पौधों की संख्या पहली, दूसरी, तीसरी, ... पंक्तियों में क्रमशः हैं: 23, 21, 19, ... , 5।
  • यह जांचने के लिए कि क्या यह सूची एक A.P. है, क्रमागत पदों का अंतर ज्ञात करते हैं:
    • \(21 - 23 = -2\)
    • \(19 - 21 = -2\)
  • चूंकि अंतर समान है, यह एक A.P. है।
  • यहाँ, प्रथम पद \(a = 23\) है।
  • सार्व अंतर \(d = -2\) है।
  • अंतिम पंक्ति में पौधों की संख्या अंतिम पद (\(a_n\)) है, इसलिए \(a_n = 5\) है।
  • हमें पंक्तियों की कुल संख्या (n) ज्ञात करनी है।
  • सूत्र \(a_n = a + (n - 1)d\) का प्रयोग करने पर:
    • \(5 = 23 + (n - 1)(-2)\)
    • \(5 - 23 = (n - 1)(-2)\)
    • \(-18 = (n - 1)(-2)\)
    • \(n - 1 = \frac{-18}{-2} = 9\)
    • \(n = 9 + 1 = 10\)।
  • अतः, फूलों की क्यारी में 10 पंक्तियाँ हैं।
उदाहरण 11: A.P. : 8, 3, –2, . . . के प्रथम 22 पदों का योग ज्ञात कीजिए।

हल:

  • दी गई A.P. है: 8, 3, -2, ...।
  • यहाँ, प्रथम पद \(a = 8\) है।
  • सार्व अंतर \(d = 3 - 8 = -5\) है।
  • हमें प्रथम 22 पदों का योग (\(n = 22\)) ज्ञात करना है।
  • पहले n पदों के योग का सूत्र है: \(S_n = \frac{n}{2} [2a + (n - 1)d]\)।
  • \(S_{22} = \frac{22}{2} [2(8) + (22 - 1)(-5)]\)
  • \(S_{22} = 11 [16 + (21)(-5)]\)
  • \(S_{22} = 11 [16 - 105]\)
  • \(S_{22} = 11 \times (-89)\)
  • \(S_{22} = -979\)।
  • अतः, दी गई A.P. के प्रथम 22 पदों का योग -979 है।
उदाहरण 12: यदि किसी A.P. के प्रथम 14 पदों का योग 1050 है तथा इसका प्रथम पद 10 है तो 20वाँ पद ज्ञात कीजिए।

हल:

  • हमें दिया गया है: प्रथम 14 पदों का योग (\(S_{14}\)) = 1050।
  • पदों की संख्या (\(n\)) = 14।
  • प्रथम पद (\(a\)) = 10।
  • हमें 20वाँ पद (\(a_{20}\)) ज्ञात करना है।
  • पहले हमें सार्व अंतर (\(d\)) ज्ञात करना होगा। हम योग के सूत्र का उपयोग करेंगे: \(S_n = \frac{n}{2} [2a + (n - 1)d]\)।
    • \(S_{14} = \frac{14}{2} [2(10) + (14 - 1)d]\)
    • \(1050 = 7 [20 + 13d]\)
    • \(\frac{1050}{7} = 20 + 13d\)
    • \(150 = 20 + 13d\)
    • \(150 - 20 = 13d\)
    • \(130 = 13d\)
    • \(d = \frac{130}{13} = 10\)।
  • अब हमारे पास \(a = 10\) और \(d = 10\) है। हमें 20वाँ पद (\(a_{20}\)) ज्ञात करना है।
  • सूत्र \(a_n = a + (n - 1)d\) का प्रयोग करने पर:
    • \(a_{20} = 10 + (20 - 1) \times 10\)
    • \(a_{20} = 10 + 19 \times 10\)
    • \(a_{20} = 10 + 190\)
    • \(a_{20} = 200\)।
  • अतः, 20वाँ पद 200 है।
उदाहरण 13: A.P. : 24, 21, 18, . . . के कितने पद लिए जाएँ, ताकि उनका योग 78 हो?

हल:

  • दी गई A.P. है: 24, 21, 18, ...।
  • यहाँ, प्रथम पद \(a = 24\) है।
  • सार्व अंतर \(d = 21 - 24 = -3\) है।
  • हमें पदों की संख्या (n) ज्ञात करनी है जिसका योग 78 हो। मान लीजिए \(S_n = 78\) है।
  • सूत्र \(S_n = \frac{n}{2} [2a + (n - 1)d]\) का प्रयोग करने पर:
    • \(78 = \frac{n}{2} [2(24) + (n - 1)(-3)]\)
    • \(78 = \frac{n}{2} [48 - 3n + 3]\)
    • \(78 = \frac{n}{2} [51 - 3n]\)
  • दोनों पक्षों को 2 से गुणा करने पर:
    • \(156 = n (51 - 3n)\)
    • \(156 = 51n - 3n^2\)
  • पदों को पुनर्व्यवस्थित करने पर, हमें एक द्विघात समीकरण प्राप्त होता है:
    • \(3n^2 - 51n + 156 = 0\)
  • पूरे समीकरण को 3 से भाग देने पर:
    • \(n^2 - 17n + 52 = 0\)
  • इस द्विघात समीकरण को गुणनखंड विधि से हल करने पर:
    • हमें ऐसे दो गुणनखंड खोजने हैं जिनका गुणनफल 52 हो और योग -17 हो। ये संख्याएँ -4 और -13 हैं।
    • \(n^2 - 4n - 13n + 52 = 0\)
    • \(n(n - 4) - 13(n - 4) = 0\)
    • \((n - 4)(n - 13) = 0\)।
  • इसलिए, \(n - 4 = 0\) या \(n - 13 = 0\)।
  • \(n = 4\) या \(n = 13\)।
  • n के ये दोनों मान संभव हैं और स्वीकार किए जा सकते हैं। पदों की संख्या हमेशा एक धनात्मक पूर्णांक होनी चाहिए, और 4 और 13 दोनों धनात्मक पूर्णांक हैं।
  • अतः, पदों की वांछित संख्या या तो 4 है या 13 है।

टिप्पणी: इस स्थिति में, प्रथम 4 पदों का योग = प्रथम 13 पदों का योग = 78 है। यह इसलिए संभव है क्योंकि 5वें से 13वें पदों तक का योग शून्य हो जाता है। यह तब होता है जब A.P. का प्रथम पद धनात्मक होता है और सार्व अंतर ऋणात्मक होता है, जिससे कुछ पद धनात्मक और कुछ ऋणात्मक हो जाते हैं और वे एक-दूसरे को रद्द कर देते हैं।

उदाहरण 14: निम्नलिखित का योग ज्ञात कीजिए: (i) प्रथम 1000 धन पूर्णांक (ii) प्रथम n धन पूर्णांक

हल:

(i) हमें 1 + 2 + 3 + ... + 1000 का योग ज्ञात करना है।

  • यह एक A.P. है जिसमें प्रथम पद \(a = 1\) है।
  • अंतिम पद \(l = 1000\) है।
  • पदों की संख्या \(n = 1000\) है।
  • जब प्रथम पद और अंतिम पद ज्ञात हो तो योग ज्ञात करने का सूत्र है: \(S_n = \frac{n}{2} (a + l)\)।
  • \(S_{1000} = \frac{1000}{2} (1 + 1000)\)
  • \(S_{1000} = 500 \times (1001)\)
  • \(S_{1000} = 500500\)।
  • अतः, प्रथम 1000 धन पूर्णांकों का योग 500500 है।

(ii) हमें 1 + 2 + 3 + ... + n का योग ज्ञात करना है।

  • यह एक A.P. है जिसमें प्रथम पद \(a = 1\) है।
  • अंतिम पद \(l = n\) है।
  • पदों की संख्या \(n\) है।
  • सूत्र \(S_n = \frac{n}{2} (a + l)\) का प्रयोग करने पर:
  • \(S_n = \frac{n}{2} (1 + n)\)
\(S_n = \frac{n(n + 1)}{2}\)

इस प्रकार, प्रथम n धन पूर्णांकों का योग उपरोक्त सूत्र से प्राप्त किया जाता है।

उदाहरण 15: संख्याओं की उस सूची के प्रथम 24 पदों का योग ज्ञात कीजिए, जिसका nवाँ पद \(a_n = 3 + 2n\) से दिया जाता है।

हल:

  • हमें nवाँ पद \(a_n = 3 + 2n\) के रूप में दिया गया है।
  • इस सूत्र का उपयोग करके हम सूची के पहले कुछ पद ज्ञात कर सकते हैं:
    • प्रथम पद (n=1): \(a_1 = 3 + 2(1) = 3 + 2 = 5\)
    • दूसरा पद (n=2): \(a_2 = 3 + 2(2) = 3 + 4 = 7\)
    • तीसरा पद (n=3): \(a_3 = 3 + 2(3) = 3 + 6 = 9\)
  • इस प्रकार प्राप्त संख्याओं की सूची है: 5, 7, 9, 11, ...।
  • अब जांचें कि क्या यह एक A.P. है:
    • \(7 - 5 = 2\)
    • \(9 - 7 = 2\)
    • \(11 - 9 = 2\)
  • चूंकि अंतर समान है (2), यह एक A.P. बनती है।
  • यहाँ, प्रथम पद \(a = 5\) है।
  • सार्व अंतर \(d = 2\) है।
  • हमें इस A.P. के प्रथम 24 पदों का योग (\(S_{24}\)) ज्ञात करना है (\(n = 24\))।
  • सूत्र \(S_n = \frac{n}{2} [2a + (n - 1)d]\) का प्रयोग करने पर:
    • \(S_{24} = \frac{24}{2} [2(5) + (24 - 1)2]\)
    • \(S_{24} = 12 [10 + (23)2]\)
    • \(S_{24} = 12 [10 + 46]\)
    • \(S_{24} = 12 \times 56\)
    • \(S_{24} = 672\)।
  • अतः, संख्याओं की दी गई सूची के प्रथम 24 पदों का योग 672 है।
उदाहरण 16: टी-वी- सेटों का निर्माता तीसरे वर्ष में 600 टी-वी- तथा 7वें वर्ष में 700 टी-वी- सेटों का उत्पादन करता है। यह मानते हुए कि प्रत्येक वर्ष उत्पादन में एक समान रूप से एक निश्चित संख्या में वृद्धि होती है, ज्ञात कीजिए: (i) प्रथम वर्ष में उत्पादन (ii) 10वें वर्ष में उत्पादन (iii) प्रथम 7 वर्षों में कुल उत्पादन

हल:

  • चूंकि प्रत्येक वर्ष उत्पादन में एक निश्चित संख्या में समान वृद्धि होती है, इसलिए पहले, दूसरे, तीसरे, ... वर्षों में उत्पादित टी-वी- सेटों की संख्या एक A.P. में होगी।
  • मान लीजिए nवें वर्ष में उत्पादित टी-वी- सेटों की संख्या \(a_n\) है।
  • हमें दिया गया है: तीसरा वर्ष का उत्पादन (\(a_3\)) = 600।
  • हमें दिया गया है: 7वाँ वर्ष का उत्पादन (\(a_7\)) = 700।
  • nवें पद का सूत्र \(a_n = a + (n - 1)d\) है।
    • तीसरे पद के लिए: \(a_3 = a + (3 - 1)d = a + 2d\)।
      • अतः, \(a + 2d = 600\) (समीकरण 1)।
    • सातवें पद के लिए: \(a_7 = a + (7 - 1)d = a + 6d\)।
      • अतः, \(a + 6d = 700\) (समीकरण 2)।

(i) प्रथम वर्ष में उत्पादन (a) ज्ञात करना है।

  • समीकरण 1 और 2 को हल करने पर:
    समीकरण 2: \(a + 6d = 700\)
    समीकरण 1: \(a + 2d = 600\)
    समीकरण 2 में से समीकरण 1 को घटाने पर:
    \((a + 6d) - (a + 2d) = 700 - 600\)
    \(4d = 100\)
    \(d = \frac{100}{4} = 25\)।
  • 'd = 25' को समीकरण 1 में रखने पर:
    \(a + 2(25) = 600\)
    \(a + 50 = 600\)
    \(a = 600 - 50 = 550\)।
  • अतः, प्रथम वर्ष में उत्पादित टी-वी- सेटों की संख्या 550 है।

(ii) 10वें वर्ष में उत्पादन (\(a_{10}\)) ज्ञात करना है।

  • सूत्र \(a_n = a + (n - 1)d\) का प्रयोग करने पर, जहाँ \(a = 550, d = 25\) और \(n = 10\):
    • \(a_{10} = 550 + (10 - 1) \times 25\)
    • \(a_{10} = 550 + 9 \times 25\)
    • \(a_{10} = 550 + 225\)
    • \(a_{10} = 775\)।
  • अतः, 10वें वर्ष में उत्पादित टी-वी- सेटों की संख्या 775 है।

(iii) प्रथम 7 वर्षों में कुल उत्पादन (\(S_7\)) ज्ञात करना है।

  • सूत्र \(S_n = \frac{n}{2} [2a + (n - 1)d]\) का प्रयोग करने पर, जहाँ \(a = 550, d = 25\) और \(n = 7\):
    • \(S_7 = \frac{7}{2} [2(550) + (7 - 1)25]\)
    • \(S_7 = \frac{7}{2} [1100 + (6)25]\)
    • \(S_7 = \frac{7}{2} [1100 + 150]\)
    • \(S_7 = \frac{7}{2} \times 1250\)
    • \(S_7 = 7 \times 625\)
    • \(S_7 = 4375\)।
  • अतः, प्रथम 7 वर्षों में कुल उत्पादित टी-वी- सेटों की संख्या 4375 है।

4. अध्याय के अभ्यास प्रश्नों (Exercise Questions) के विस्तृत उत्तर

चूंकि अभ्यास प्रश्नों की संख्या बहुत अधिक है, मैं यहाँ कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के विस्तृत उत्तर प्रस्तुत करूंगा। सभी प्रश्नों के हल देने से यह नोट्स बहुत लंबे हो जाएंगे। यदि आप किसी विशेष प्रश्न का हल जानना चाहते हैं तो कृपया पूछें।

प्रश्नावली 5.1

1. निम्नलिखित स्थितियों में से किन स्थितियों में संबद्ध संख्याओं की सूची A.P. है और क्यों?

(i) प्रत्येक किलोमीटर के बाद का टैक्सी का किराया, जबकि प्रथम किलोमीटर के लिए किराया ₹ 15 है और प्रत्येक अतिरिक्त किलोमीटर के लिए किराया ₹ 8 है।

हल:

  • प्रथम किलोमीटर का किराया = rupees 15।
  • 2 किलोमीटर का किराया = \(15 + 8 = rupees 23\)।
  • 3 किलोमीटर का किराया = \(23 + 8 = rupees 31\)।
  • 4 किलोमीटर का किराया = \(31 + 8 = rupees 39\)।
  • किरायों की सूची है: 15, 23, 31, 39, ...।
  • क्रमागत पदों का अंतर: \(23-15=8\), \(31-23=8\), \(39-31=8\)।
  • चूंकि अंतर समान (8) है, यह एक A.P. है।

(iii) प्रत्येक मीटर की खुदाई के बाद, एक कुआँ खोदने में आई लागत, जबकि प्रथम मीटर खुदाई की लागत ₹ 150 है और बाद में प्रत्येक मीटर खुदाई की लागत ₹ 50 बढ़ती जाती है।

हल:

  • प्रथम मीटर खुदाई की लागत = ₹ 150।
  • 2 मीटर खुदाई की कुल लागत = \(150 + 50 = ₹ 200\)।
  • 3 मीटर खुदाई की कुल लागत = \(200 + 50 = ₹ 250\)।
  • 4 मीटर खुदाई की कुल लागत = \(250 + 50 = ₹ 300\)।
  • लागतों की सूची है: 150, 200, 250, 300, ...।
  • क्रमागत पदों का अंतर: \(200-150=50\), \(250-200=50\), \(300-250=50\)।
  • चूंकि अंतर समान (50) है, यह एक A.P. है।

(iv) खाते में प्रत्येक वर्ष का मिश्रधन, जबकि ₹ 10000 की राशि 8 % वार्षिक की दर से चक्रवृद्धि ब्याज पर जमा की जाती है।

हल:

  • मूलधन (P) = ₹ 10000, दर (R) = 8% वार्षिक।
  • चक्रवृद्धि ब्याज का सूत्र मिश्रधन (A) = \(P(1 + \frac{R}{100})^T\) होता है।
  • प्रथम वर्ष के अंत में मिश्रधन = \(10000(1 + \frac{8}{100})^1 = 10000(1.08) = 10800\)।
  • दूसरे वर्ष के अंत में मिश्रधन = \(10000(1.08)^2 = 10000(1.1664) = 11664\)।
  • तीसरे वर्ष के अंत में मिश्रधन = \(10000(1.08)^3 = 10000(1.259712) \approx 12597.12\)।
  • मिश्रधन की सूची है: 10800, 11664, 12597.12, ...
  • क्रमागत पदों का अंतर: \(11664 - 10800 = 864\), \(12597.12 - 11664 = 933.12\)।
  • चूंकि अंतर समान नहीं है, यह एक A.P. नहीं है। (साधारण ब्याज एक A.P. बनाता है, लेकिन चक्रवृद्धि ब्याज नहीं)।

2. दी हुई A.P. के प्रथम चार पद लिखिए, जबकि प्रथम पद a और सार्व अंतर d निम्नलिखित हैं।

(i) \(a = 10, d = 10\)

हल:

  • प्रथम पद = \(a = 10\)।
  • दूसरा पद = \(a + d = 10 + 10 = 20\)।
  • तीसरा पद = \(a + 2d = 10 + 2(10) = 10 + 20 = 30\)।
  • चौथा पद = \(a + 3d = 10 + 3(10) = 10 + 30 = 40\)।
  • प्रथम चार पद हैं: 10, 20, 30, 40।

(iii) \(a = 4, d = – 3\)

हल:

  • प्रथम पद = \(a = 4\)।
  • दूसरा पद = \(a + d = 4 + (-3) = 1\)।
  • तीसरा पद = \(a + 2d = 4 + 2(-3) = 4 - 6 = -2\)।
  • चौथा पद = \(a + 3d = 4 + 3(-3) = 4 - 9 = -5\)।
  • प्रथम चार पद हैं: 4, 1, -2, -5।

3. निम्नलिखित में से प्रत्येक A.P. के लिए प्रथम पद तथा सार्व अंतर लिखिए।

(i) 3, 1, – 1, – 3, . . .

हल:

  • प्रथम पद \(a = 3\)।
  • सार्व अंतर \(d = 1 - 3 = -2\)। (या \(-1 - 1 = -2\), या \(-3 - (-1) = -2\))।

(iv) 0.6, 1.7, 2.8, 3.9, . . .

हल:

  • प्रथम पद \(a = 0.6\)।
  • सार्व अंतर \(d = 1.7 - 0.6 = 1.1\)। (या \(2.8 - 1.7 = 1.1\), या \(3.9 - 2.8 = 1.1\))।

4. निम्नलिखित में से कौन-कौन A.P. हैं? यदि कोई A.P. है, तो इसका सार्व अंतर ज्ञात कीजिए और इनके तीन और पद लिखिए।

(iii) – 1.2, – 3.2, – 5.2, – 7.2, . . .

हल:

  • क्रमागत पदों का अंतर:
    • \(-3.2 - (-1.2) = -3.2 + 1.2 = -2.0\)
    • \(-5.2 - (-3.2) = -5.2 + 3.2 = -2.0\)
    • \(-7.2 - (-5.2) = -7.2 + 5.2 = -2.0\)
  • चूंकि अंतर समान (-2.0) है, यह एक A.P. है।
  • सार्व अंतर \(d = -2.0\)।
  • अगले तीन पद:
    • \(-7.2 + (-2.0) = -9.2\)।
    • \(-9.2 + (-2.0) = -11.2\)।
    • \(-11.2 + (-2.0) = -13.2\)।
  • अगले तीन पद हैं: -9.2, -11.2, -13.2।

(v) \(3, 3 + \sqrt{2} , 3 + 2\sqrt{2} , 3 + 3\sqrt{2} , . . .\)

हल:

  • क्रमागत पदों का अंतर:
    • \((3 + \sqrt{2}) - 3 = \sqrt{2}\)
    • \((3 + 2\sqrt{2}) - (3 + \sqrt{2}) = 3 + 2\sqrt{2} - 3 - \sqrt{2} = \sqrt{2}\)
    • \((3 + 3\sqrt{2}) - (3 + 2\sqrt{2}) = 3 + 3\sqrt{2} - 3 - 2\sqrt{2} = \sqrt{2}\)
  • चूंकि अंतर समान (\(\sqrt{2}\)) है, यह एक A.P. है।
  • सार्व अंतर \(d = \sqrt{2}\)।
  • अगले तीन पद:
    • \((3 + 3\sqrt{2}) + \sqrt{2} = 3 + 4\sqrt{2}\)।
    • \((3 + 4\sqrt{2}) + \sqrt{2} = 3 + 5\sqrt{2}\)।
    • \((3 + 5\sqrt{2}) + \sqrt{2} = 3 + 6\sqrt{2}\)।
  • अगले तीन पद हैं: \(3 + 4\sqrt{2}, 3 + 5\sqrt{2}, 3 + 6\sqrt{2}\)।

(x) a, 2a, 3a, 4a, . . .

हल:

  • क्रमागत पदों का अंतर:
    • \(2a - a = a\)
    • \(3a - 2a = a\)
    • \(4a - 3a = a\)
  • चूंकि अंतर समान (a) है, यह एक A.P. है (बशर्ते a कोई स्थिर संख्या हो)।
  • सार्व अंतर \(d = a\)।
  • अगले तीन पद:
    • \(4a + a = 5a\)।
    • \(5a + a = 6a\)।
    • \(6a + a = 7a\)।
  • अगले तीन पद हैं: 5a, 6a, 7a।

(xi) \(a, a^2, a^3, a^4, . . .\)

हल:

  • क्रमागत पदों का अंतर:
    • \(a^2 - a = a(a - 1)\)
    • \(a^3 - a^2 = a^2(a - 1)\)
  • अंतर \(a(a-1)\) और \(a^2(a-1)\) तभी समान होंगे जब \(a(a-1) = a^2(a-1)\)। यह तभी संभव है जब \(a=0\) या \(a=1\) या \(a-1=0 \implies a=1\).
  • अगर \(a=0\), सूची 0, 0, 0, ... है, जो एक A.P. है (\(d=0\))।
  • अगर \(a=1\), सूची 1, 1, 1, ... है, जो एक A.P. है (\(d=0\))।
  • लेकिन सामान्य रूप से (किसी भी 'a' के लिए, जहाँ \(a \neq 0\) और \(a \neq 1\)), अंतर समान नहीं होता है। उदाहरण के लिए, यदि \(a=2\), सूची 2, 4, 8, 16, ... है, अंतर 2, 4, 8 है, जो समान नहीं है।
  • अतः, सामान्य रूप से यह एक A.P. नहीं है।

(xv) \(1^2, 5^2, 7^2, 73, . . .\) अर्थात् 1, 25, 49, 73, . . .

हल:

  • सूची है: 1, 25, 49, 73, ...।
  • क्रमागत पदों का अंतर:
    • \(25 - 1 = 24\)
    • \(49 - 25 = 24\)
    • \(73 - 49 = 24\)
  • चूंकि अंतर समान (24) है, यह एक A.P. है।
  • सार्व अंतर \(d = 24\)।
  • अगले तीन पद:
    • \(73 + 24 = 97\)।
    • \(97 + 24 = 121\)। (\(11^2\))
    • \(121 + 24 = 145\)।
  • अगले तीन पद हैं: 97, 121, 145।

प्रश्नावली 5.2

1. निम्नलिखित सारणी में, रिक्त स्थानों को भरिए, जहाँ AP का प्रथम पद a, सार्व अंतर d और nवाँ पद \(a_n\) है।

a d n \(a_n\)
(i) 7 3 8 ?
(ii) – 18 ? 10 0
(iii) ? – 3 18 – 5

हल: सूत्र \(a_n = a + (n - 1)d\) का प्रयोग करें।

(i) \(a = 7, d = 3, n = 8, a_n = ?\)

\(a_8 = 7 + (8 - 1)3 = 7 + 7 \times 3 = 7 + 21 = 28\)।
\(a_n = 28\)

(ii) \(a = – 18, d = ?, n = 10, a_n = 0\)

\(0 = -18 + (10 - 1)d\)
\(0 = -18 + 9d\)
\(18 = 9d\)
\(d = \frac{18}{9} = 2\)।
\(d = 2\)

(iii) \(a = ?, d = – 3, n = 18, a_n = – 5\)

\(-5 = a + (18 - 1)(-3)\)
\(-5 = a + 17(-3)\)
\(-5 = a - 51\)
\(a = -5 + 51 = 46\)।
\(a = 46\)

2. निम्नलिखित में सही उत्तर चुनिए और उसका औचित्य दीजिए।

(i) A.P.: 10, 7, 4, . . . , का 30वाँ पद है: (A) 97 (B) 77 (C) –77 (D) – 87

हल:

  • यहाँ \(a = 10, d = 7 - 10 = -3, n = 30\)।
  • \(a_{30} = a + (30 - 1)d = 10 + 29(-3) = 10 - 87 = -77\)।
  • सही विकल्प (C) –77 है।

प्रश्नावली 5.3

1. निम्नलिखित समांतर श्रेढ़ियों का योग ज्ञात कीजिए।

(i) 2, 7, 12, . . ., 10 पदों तक

हल:

  • यहाँ \(a = 2, d = 7 - 2 = 5, n = 10\)।
  • \(S_{10} = \frac{10}{2} [2(2) + (10 - 1)5]\)
  • \(S_{10} = 5 [4 + 9 \times 5] = 5 [4 + 45] = 5 \times 49 = 245\)।
  • योग = 245

(iv) \(\frac{1}{15}, \frac{1}{12}, \frac{1}{10}, . . .\), 11 पदों तक

हल:

  • यहाँ \(a = \frac{1}{15}\)।
  • \(d = \frac{1}{12} - \frac{1}{15} = \frac{5 - 4}{60} = \frac{1}{60}\)।
  • \(n = 11\)।
  • \(S_{11} = \frac{11}{2} [2(\frac{1}{15}) + (11 - 1)(\frac{1}{60})]\)
  • \(S_{11} = \frac{11}{2} [\frac{2}{15} + \frac{10}{60}] = \frac{11}{2} [\frac{2}{15} + \frac{1}{6}]\)
  • \(S_{11} = \frac{11}{2} [\frac{4 + 5}{30}] = \frac{11}{2} [\frac{9}{30}] = \frac{11}{2} \times \frac{3}{10} = \frac{33}{20}\)।
  • योग = \(\frac{33}{20}\)

2. नीचे दिए हुए योगफलों को ज्ञात कीजिए।

(i) \(7 + 10\frac{1}{2} + 14 + . . . + 84\)

हल:

  • यह एक A.P. है जिसका प्रथम पद \(a = 7\) है। \(10\frac{1}{2} = \frac{21}{2}\).
  • सार्व अंतर \(d = \frac{21}{2} - 7 = \frac{21 - 14}{2} = \frac{7}{2}\)।
  • अंतिम पद \(l = a_n = 84\) है।
  • पहले हमें पदों की संख्या (n) ज्ञात करनी होगी। \(a_n = a + (n - 1)d\)।
    • \(84 = 7 + (n - 1)\frac{7}{2}\)
    • \(84 - 7 = (n - 1)\frac{7}{2}\)
    • \(77 = (n - 1)\frac{7}{2}\)
    • \((n - 1) = 77 \times \frac{2}{7} = 11 \times 2 = 22\)
    • \(n = 22 + 1 = 23\)।
  • अब जब हमारे पास n, a और l हैं, तो हम योग ज्ञात करने के सूत्र \(S_n = \frac{n}{2} (a + l)\) का उपयोग कर सकते हैं।
    • \(S_{23} = \frac{23}{2} (7 + 84)\)
    • \(S_{23} = \frac{23}{2} \times 91\)
    • \(S_{23} = \frac{2093}{2} = 1046.5\)।
  • योगफल = 1046.5 या \(\frac{2093}{2}\)

3. एक A.P. में,

(i) \(a = 5, d = 3\) और \(a_n = 50\) दिया है। n और \(S_n\) ज्ञात कीजिए।

हल:

  • \(a_n = a + (n - 1)d\)।
    • \(50 = 5 + (n - 1)3\)
    • \(45 = (n - 1)3\)
    • \(15 = n - 1\)
    • \(n = 16\)।
  • अब \(S_n\) ज्ञात करें, जहाँ \(n=16, a=5, a_n=50\) (जो यहाँ अंतिम पद है)।
    • \(S_{16} = \frac{16}{2} (5 + 50) = 8 \times 55 = 440\)।
  • \(n = 16, S_n = 440\)

(vi) \(a = 2, d = 8\) और \(S_n = 90\) दिया है। n और \(a_n\) ज्ञात कीजिए।

हल:

  • \(S_n = \frac{n}{2} [2a + (n - 1)d]\)।
    • \(90 = \frac{n}{2} [2(2) + (n - 1)8]\)
    • \(180 = n [4 + 8n - 8]\)
    • \(180 = n [8n - 4]\)
    • \(180 = 8n^2 - 4n\)
    • \(8n^2 - 4n - 180 = 0\)
  • पूरे समीकरण को 4 से भाग देने पर:
    • \(2n^2 - n - 45 = 0\)।
  • इस द्विघात समीकरण को हल करें। गुणनखंड विधि से:
    • हमें ऐसे दो गुणनखंड खोजने हैं जिनका गुणनफल \(2 \times (-45)=-90\) हो और योग -1 हो। ये संख्याएँ -10 और 9 हैं।
    • \(2n^2 - 10n + 9n - 45 = 0\)
    • \(2n(n - 5) + 9(n - 5) = 0\)
    • \((2n + 9)(n - 5) = 0\)।
  • इसलिए, \(2n + 9 = 0\) या \(n - 5 = 0\)।
  • \(n = -\frac{9}{2}\) या \(n = 5\)।
  • पदों की संख्या ऋणात्मक या भिन्न नहीं हो सकती, इसलिए \(n = 5\)।
  • अब \(a_n\) (\(a_5\)) ज्ञात करें: \(a_n = a + (n - 1)d\)।
    • \(a_5 = 2 + (5 - 1)8 = 2 + 4 \times 8 = 2 + 32 = 34\)।
  • \(n = 5, a_n = 34\)

4. 636 योग प्राप्त करने के लिए, A.P. : 9, 17, 25, . . . के कितने पद लेने चाहिए?

हल:

  • यहाँ \(a = 9, d = 17 - 9 = 8, S_n = 636\)।
  • \(S_n = \frac{n}{2} [2a + (n - 1)d]\)।
    • \(636 = \frac{n}{2} [2(9) + (n - 1)8]\)
    • \(1272 = n [18 + 8n - 8]\)
    • \(1272 = n [8n + 10]\)
    • \(1272 = 8n^2 + 10n\)
    • \(8n^2 + 10n - 1272 = 0\)
  • पूरे समीकरण को 2 से भाग देने पर:
    • \(4n^2 + 5n - 636 = 0\)।
  • इस द्विघात समीकरण को सूत्र विधि (\(n = \frac{-b \pm \sqrt{b^2 - 4ac}}{2a}\)) से हल करें, जहाँ \(a=4, b=5, c=-636\)।
    • विविक्तकर (D) = \(b^2 - 4ac = 5^2 - 4(4)(-636) = 25 + 16(636) = 25 + 10176 = 10201\)।
    • \(\sqrt{D} = \sqrt{10201} = 101\)।
    • \(n = \frac{-5 \pm 101}{2 \times 4} = \frac{-5 \pm 101}{8}\)।
    • \(n = \frac{-5 + 101}{8} = \frac{96}{8} = 12\)।
    • \(n = \frac{-5 - 101}{8} = \frac{-106}{8}\) (अमान्य, क्योंकि n ऋणात्मक नहीं हो सकता)।
  • अतः, 12 पद लेने चाहिए।

5. अध्याय की अवधारणाओं पर आधारित नये अभ्यास प्रश्न

  1. एक A.P. का 5वाँ पद 11 है और 10वाँ पद 21 है। इस A.P. का 15वाँ पद ज्ञात कीजिए।
  2. जांचिए कि क्या संख्याओं की सूची \(\frac{1}{3}, \frac{1}{2}, \frac{2}{3}, \frac{5}{6}, \ldots\) एक A.P. है। यदि हाँ, तो सार्व अंतर और अगले दो पद ज्ञात कीजिए।
  3. उन प्रथम 100 धन पूर्णांकों का योग ज्ञात कीजिए जो 5 से विभाज्य हैं।
  4. एक A.P. में, \(a = -5, a_n = 45\) और \(S_n = 120\) दिया है। n और d ज्ञात कीजिए।
  5. एक टीवी निर्माता पहले वर्ष में 500 टीवी सेट और 8वें वर्ष में 850 टीवी सेट का उत्पादन करता है। यदि उत्पादन में प्रतिवर्ष समान वृद्धि होती है, तो पहले 5 वर्षों में कुल उत्पादन ज्ञात कीजिए।

6. अध्याय के अंत में बोर्ड परीक्षा से पहले पुनरावृत्ति के लिए संक्षिप्त सारांश

इस अध्याय में हमने अंकगणितीय श्रेढ़ी (A.P.) का अध्ययन किया है। मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:

  • A.P. की परिभाषा: संख्याओं की एक सूची जहाँ प्रथम पद के अलावा प्रत्येक पद पिछले पद में एक निश्चित संख्या (सार्व अंतर) जोड़ने पर प्राप्त होता है।
  • सार्व अंतर (d): यह निश्चित संख्या \(d = a_{k+1} - a_k\) होती है और यह धनात्मक, ऋणात्मक या शून्य हो सकती है।
  • A.P. का व्यापक रूप: \(a, a + d, a + 2d, a + 3d, \ldots\)।
  • A.P. की पहचान: एक सूची A.P. है यदि क्रमागत पदों का अंतर (\(a_{k+1} - a_k\)) हमेशा समान रहे।
  • nवाँ पद (\(a_n\)): किसी A.P. का nवाँ पद (या व्यापक पद) \(a_n = a + (n - 1)d\) सूत्र से ज्ञात किया जाता है, जहाँ 'a' प्रथम पद और 'd' सार्व अंतर है।
  • प्रथम n पदों का योग (\(S_n\)):
    • \(S_n = \frac{n}{2} [2a + (n - 1)d]\)।
    • यदि अंतिम पद (l) ज्ञात हो: \(S_n = \frac{n}{2} (a + l)\)।
  • nवें पद और योग में संबंध: \(a_n = S_n - S_{n-1}\)।
  • समांतर माध्य: यदि a, b, c A.P. में हैं, तो b, a और c का समांतर माध्य है, और \(b = \frac{a+c}{2}\) होता है।

यह नोट्स आपको अंकगणितीय श्रेढ़ी की अवधारणाओं को समझने और संबंधित प्रश्नों को हल करने में सहायक होंगे। शुभकामनाएँ!

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