आत्म-अध्ययन नोट्स: तृतीयक और चतुर्थक क्रियाकलाप
अध्याय का परिचय:
इस अध्याय में हम मानव भूगोल के अंतर्गत आने वाले तृतीयक (सेवा) और चतुर्थक क्रियाकलापों के बारे में जानेंगे। हमने पिछले अध्यायों में प्राथमिक (जैसे कृषि, मत्स्य पालन) और द्वितीयक (जैसे विनिर्माण उद्योग) क्रियाकलापों को समझा है। आर्थिक विकास के साथ-साथ सेवा क्षेत्र का महत्व बढ़ता जाता है। आज दुनिया के अधिकांश लोग सेवा क्षेत्र में कार्यरत हैं। यह अध्याय हमें बताता है कि सेवा क्षेत्र कितना विविध है और इसमें कौन-कौन सी गतिविधियाँ शामिल हैं।
1. तृतीयक क्रियाकलाप: सेवाओं का क्षेत्र
तृतीयक क्रियाकलाप वे आर्थिक गतिविधियाँ हैं जो अमूर्त सेवाओं के उत्पादन और आदान-प्रदान से संबंधित हैं। ये मूर्त वस्तुओं के उत्पादन में सीधे तौर पर शामिल नहीं होते हैं। जब आप बीमार पड़ते हैं तो डॉक्टर को बुलाते हैं, स्कूल में शिक्षक से पढ़ते हैं, या किसी विवाद में वकील की सलाह लेते हैं - ये सभी तृतीयक क्रियाकलापों के उदाहरण हैं।
तृतीयक क्रियाकलापों की विशेषताएँ:
- ये सेवाएँ होती हैं जो भुगतान के बदले प्राप्त होती हैं।
- स्वास्थ्य, शिक्षा, विधि, प्रशासन, मनोरंजन जैसी सेवाओं के लिए व्यावसायिक कुशलता की आवश्यकता होती है।
- इन सेवाओं के लिए सैद्धांतिक ज्ञान और क्रियात्मक प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है, और अभ्यास इन्हें पूर्ण पेशेवर बनाता है।
- तृतीयक क्रियाकलाप सेवा सेक्टर से संबंधित हैं।
- जनशक्ति (manpower) सेवा सेक्टर का एक महत्वपूर्ण कारक है क्योंकि अधिकांश तृतीयक क्रियाकलाप कुशल श्रमिकों, पेशेवर विशेषज्ञों और परामर्शदाताओं द्वारा किए जाते हैं।
- आर्थिक विकास की प्रारंभिक अवस्थाओं में प्राथमिक सेक्टर में अधिक लोग काम करते थे, जबकि एक विकसित अर्थव्यवस्था में अधिकांश श्रमिक तृतीयक क्रियाकलापों में रोजगार पाते हैं।
- तृतीयक क्रियाकलापों में उत्पादन और विनिमय दोनों शामिल हैं।
- उत्पादन में सेवाओं की उपलब्धता शामिल है जिनका उपभोग किया जाता है। उत्पादन को अप्रत्यक्ष रूप से पारिश्रमिक और वेतन के रूप में मापा जाता है।
- विनिमय के अंतर्गत व्यापार, परिवहन और संचार सुविधाएँ शामिल हैं जिनका उपयोग दूरी को निष्प्रभावी करने के लिए किया जाता है।
- द्वितीयक और तृतीयक क्रियाकलापों में मुख्य अंतर यह है कि सेवाओं द्वारा उपलब्ध विशेषज्ञता कर्मियों की विशिष्ट कुशलताओं, अनुभव और ज्ञान पर अत्यधिक निर्भर करती है, न कि उत्पादन तकनीकों, मशीनरी और फैक्ट्री प्रक्रियाओं पर।
- कुछ सामान्य उदाहरणों में प्लंबर, बिजली मिस्त्री, तकनीशियन, धोबी, नाई, दुकानदार, चालक, कोषाध्यक्ष, शिक्षक, डॉक्टर, वकील, और प्रकाशक शामिल हैं।
2. तृतीयक क्रियाकलापों के प्रकार
तृतीयक क्रियाकलापों को मोटे तौर पर व्यापार, परिवहन, संचार और सेवाओं में वर्गीकृत किया जा सकता है।
व्यापार और वाणिज्य
- व्यापार मूल रूप से वस्तुओं का क्रय और विक्रय है जो कहीं और उत्पादित होती हैं।
- फुटकर और थोक व्यापार या वाणिज्य की सभी सेवाओं का विशिष्ट उद्देश्य लाभ कमाना है।
- यह सारा काम कस्बों और नगरों में होता है जिन्हें व्यापारिक केंद्र कहा जाता है।
व्यापारिक केंद्रों के प्रकार:
- ग्रामीण विपणन केंद्र: ये निकटवर्ती बस्तियों का पोषण करते हैं और अर्ध-नगरीय केंद्र होते हैं। यहाँ व्यक्तिगत और व्यावसायिक सेवाएँ सुविकसित नहीं होती हैं। इनमें मंडियाँ (थोक बाजार) और फुटकर व्यापार क्षेत्र होते हैं।
- ग्रामीण क्षेत्रों में आवधिक बाजार: जहाँ नियमित बाजार नहीं होते, वहाँ साप्ताहिक या पाक्षिक बाजार लगते हैं। ये बाजार एक स्थान से दूसरे स्थान पर लगते रहते हैं, जिससे दुकानदार व्यस्त रहते हैं और एक विस्तृत क्षेत्र को सेवा प्रदान करते हैं।
- नगरीय बाजार केंद्र: यहाँ अधिक विशिष्ट नगरीय सेवाएँ मिलती हैं, जैसे श्रम बाजार, आवास, और शैक्षिक व व्यावसायिक सेवाएँ (शिक्षक, वकील, चिकित्सक)।
फुटकर व्यापार
- यह वह व्यापारिक क्रियाकलाप है जो उपभोक्ताओं को वस्तुओं के प्रत्यक्ष विक्रय से संबंधित है।
- अधिकांश फुटकर व्यापार नियत प्रतिष्ठानों और भंडारों में संपन्न होता है।
- भंडार रहित उदाहरण: फेरी, रेहड़ी, ट्रक, द्वार से द्वार, डाक आदेश, दूरभाष, स्वचालित बिक्री मशीनें तथा इंटरनेट।
- विभागीय भंडार (Departmental Stores): वस्तुओं की खरीद और बिक्री के लिए विभिन्न अनुभागों में विभागीय प्रमुख नियुक्त करते हैं।
- श्रृंखला भंडार (Chain Stores): ये बड़ी मात्रा में माल खरीदते हैं और कुशल विशेषज्ञों की नियुक्ति कर मितव्ययिता से व्यापार करते हैं।
थोक व्यापार
- थोक व्यापार का गठन अनेक बिचौलियों, सौदागरों और पूर्तिघरों द्वारा होता है, न कि फुटकर भंडारों द्वारा।
- बहुसंख्यक फुटकर भंडार बिचौलिए स्रोत से पूर्ति लेते हैं।
- थोक विक्रेता प्रायः फुटकर भंडारों को उधार देते हैं, और फुटकर विक्रेता अधिकतर थोक विक्रेता की पूँजी पर ही कार्य करते हैं।
परिवहन
- परिवहन एक ऐसी सेवा है जिससे व्यक्तियों, विनिर्मित माल तथा संपत्ति को भौतिक रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है।
- यह मनुष्य की गतिशीलता की मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने हेतु निर्मित एक संगठित उद्योग है।
- दूरी का मापन: परिवहन को किलोमीटर दूरी (वास्तविक दूरी), समय दूरी (यात्रा में लगने वाला समय), और लागत दूरी (यात्रा का खर्च) के रूप में मापा जा सकता है।
- जाल-तंत्र और पहुँच: परिवहन व्यवस्थाएँ स्थानों को जोड़कर जाल-तंत्र बनाती हैं। जाल-तंत्र नोड (Nodes) तथा योजक (Links) से मिलकर बनते हैं।
- नोड: दो या अधिक मार्गों का संधि-स्थल, उद्गम या गंतव्य बिंदु।
- योजक: दो नोडों को जोड़ने वाली सड़क।
- परिवहन को प्रभावित करने वाले कारक: जनसंख्या का आकार, व्यापार का प्रारूप, भू-दृश्य, जलवायु और उपलब्ध निधियाँ।
संचार
- संचार सेवाओं में शब्दों, संदेशों, तथ्यों और विचारों का प्रेषण शामिल है।
- प्रारंभ में संचार परिवहन पर निर्भर था, इसलिए परिवहन के सभी रूपों को संचार पथ कहा जाता है।
- दूरसंचार: विद्युतीय प्रौद्योगिकी ने संदेश भेजने की गति में क्रांति ला दी है (जैसे मोबाइल फोन, इंटरनेट)।
- जनसंचार माध्यम: रेडियो, दूरदर्शन, समाचार पत्र विज्ञापन, मनोरंजन और समाचार प्रसारण के लिए महत्वपूर्ण हैं। इंटरनेट ने वैश्विक संचार तंत्र में क्रांति ला दी है।
सेवाएँ
- सेवाएँ विभिन्न स्तरों पर पाई जाती हैं: निम्नस्तरीय (पंसारी, धोबी) से लेकर उच्चस्तरीय (लेखाकार, परामर्शदाता)।
- सेवाएँ भुगतान कर सकने वाले व्यक्तिगत उपभोक्ताओं को उपलब्ध होती हैं।
- कई सेवाएँ अब सरकारों या कंपनियों द्वारा नियमित हो गई हैं (जैसे राजमार्ग निर्माण, शिक्षा, ऊर्जा आपूर्ति)।
- व्यावसायिक सेवाएँ: स्वास्थ्य देखरेख, अभियांत्रिकी, विधि और प्रबंधन।
- व्यक्तिगत सेवाएँ: लोगों को दैनिक जीवन में काम को सुविधाजनक बनाने के लिए उपलब्ध होती हैं (जैसे मोची, खानसामा, माली)। मुंबई की डब्बावाला सेवा इसका एक अनूठा उदाहरण है।
तृतीयक क्रियाकलापों में संलग्न लोग
- आज अधिकांश लोग सेवाकर्मी हैं।
- विकसित देशों में कर्मियों का अधिकतर प्रतिशत (जैसे अमेरिका में 75% से अधिक) सेवाओं में लगा है।
- अल्पविकसित देशों में 10% से भी कम लोग सेवा क्षेत्र में लगे हैं।
कुछ चयनित उदाहरण: पर्यटन
- पर्यटन: यह व्यवसाय की बजाय प्रमोद (मनोरंजन) के उद्देश्यों के लिए की जाने वाली यात्रा है।
- यह विश्व का सबसे बड़ा तृतीयक क्रियाकलाप बन गया है, जो कुल रोजगार और राजस्व में भारी योगदान देता है।
- यह अवसंरचना, फुटकर व्यापार तथा शिल्प उद्योगों को पोषित करता है।
- पर्यटन आकर्षण के कारक:
- जलवायु: उष्ण व धूपदार मौसम या स्कीइंग के लिए हिमावरण।
- भू-दृश्य: पर्वत, झीलें, समुद्री तट जैसे आकर्षक पर्यावरण।
- इतिहास एवं कला: प्राचीन नगर, पुरातत्व स्थल, किले, महल।
- संस्कृति एवं अर्थव्यवस्था: स्थानीय रीति-रिवाज और सस्ती दरों पर जरूरतें पूरी होना।
भारत में चिकित्सा पर्यटन
- जब चिकित्सा उपचार को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन गतिविधि से संबद्ध कर दिया जाता है, तो इसे चिकित्सा पर्यटन कहते हैं।
- भारत विश्व में चिकित्सा पर्यटन में एक अग्रणी देश बनकर उभरा है।
- भारत, थाईलैंड, सिंगापुर और मलेशिया जैसे विकासशील देशों को इससे बहुत लाभ होता है।
- चिकित्सा परीक्षणों और आँकड़ों के निर्वचन का बाह्यस्रोतन (Outsourcing) भी एक नई प्रवृत्ति है।
3. चतुर्थक क्रियाकलाप
यह सेवा क्षेत्र का वह भाग है जो ज्ञानोन्मुखी है।
- इसमें सूचना का संग्रहण, उत्पादन और प्रकीर्णन शामिल है।
- यह अनुसंधान और विकास (R&D) पर केंद्रित होते हैं।
- विकसित अर्थव्यवस्थाओं में आधे से अधिक कर्मी ज्ञान के इस क्षेत्र में कार्यरत हैं।
- कार्यालय भवनों, विश्वविद्यालयों, अस्पतालों, रंगमंचों और दलाली फर्मों में काम करने वाले कर्मचारी इस वर्ग से संबंधित हैं।
- इन क्रियाकलापों का बाह्यस्रोतन भी किया जा सकता है।
4. पंचम क्रियाकलाप
ये उच्चतम स्तर के निर्णय लेने तथा नीतियों का निर्माण करने वाले क्रियाकलाप हैं।
- इन सेवाओं में नवीन विचारों की रचना, पुनर्गठन, आँकड़ों की व्याख्या और नई प्रौद्योगिकी का मूल्यांकन शामिल होता है।
- इन्हें 'स्वर्ण कॉलर' (Gold Collar) व्यवसाय भी कहा जाता है।
- इनमें वरिष्ठ व्यावसायिक कार्यकारी, सरकारी अधिकारी, अनुसंधान वैज्ञानिक, और वित्त एवं विधि परामर्शदाता शामिल हैं।
- उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में इनकी संख्या कम होती है, लेकिन महत्व बहुत अधिक होता है।
5. बाह्यस्रोतन (Outsourcing)
- बाह्यस्रोतन: दक्षता सुधारने और लागत घटाने के लिए किसी बाहरी एजेंसी को काम सौंपना।
- अपतटन (Offshoring): जब बाह्यस्रोतन में कार्य समुद्रपार के स्थानों पर स्थानांतरित किया जाता है।
- बाह्यस्रोतन सूचना प्रौद्योगिकी (IT), मानव संसाधन (HR), ग्राहक सहायता, कॉल सेंटर, विनिर्माण और अभियांत्रिकी में होता है।
- भारत, चीन, पूर्वी यूरोप, इज़राइल जैसे देशों में यह लोकप्रिय है क्योंकि यहाँ कम पारिश्रमिक पर कुशल श्रम उपलब्ध है।
- ज्ञान प्रक्रमण बाह्यस्रोतन (KPO): यह BPO से भिन्न है क्योंकि इसमें उच्च कुशल कर्मी शामिल होते हैं। यह सूचना प्रेरित ज्ञान का बाह्यस्रोतन है। KPO में अनुसंधान और विकास, ई-लर्निंग, कानूनी व्यवसाय आदि आते हैं।
6. अंकीय विभाजक (Digital Divide)
अंकीय विभाजक सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) पर आधारित विकास से मिलने वाले अवसरों के असमान वितरण को कहते हैं।
- यह विकसित और विकासशील देशों के बीच स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
- यह किसी देश के भीतर भी मौजूद हो सकता है, जैसे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच।
7. कॉलर के रंग (Color of Collars)
यह तालिका विभिन्न आर्थिक क्रियाकलापों से जुड़े कर्मियों को दर्शाती है:
कॉलर का रंग | संबंधित क्रियाकलाप/क्षेत्र | विवरण |
---|---|---|
स्वर्ण कॉलर (Gold Collar) | पंचम क्रियाकलाप | उच्च-स्तरीय निर्णय लेने वाले, विशेषज्ञ, नीति निर्माता, अनुसंधान वैज्ञानिक। |
श्वेत कॉलर (White Collar) | तृतीयक और चतुर्थक क्रियाकलाप | कार्यालय कर्मचारी, प्रशासक, शिक्षक, डॉक्टर, परामर्शदाता। |
नीला कॉलर (Blue Collar) | द्वितीयक क्रियाकलाप | विनिर्माण और निर्माण उद्योगों में लगे शारीरिक श्रमिक। |
लाल कॉलर (Red Collar) | प्राथमिक क्रियाकलाप | कृषि, मत्स्य पालन, खनन जैसे प्राथमिक कार्यों में लगे लोग। |
गुलाबी कॉलर (Pink Collar) | सेवा क्षेत्र (निम्न वेतन) | सेवा क्षेत्र की वे नौकरियाँ जो पारंपरिक रूप से महिलाओं से जुड़ी हैं (जैसे देखभाल, खुदरा बिक्री)। |
धूसर कॉलर (Grey Collar) | कुशल तकनीकी कार्य | वे श्रमिक जिनमें व्हाइट और ब्लू-कॉलर दोनों के गुण होते हैं (जैसे तकनीकी विशेषज्ञ)। |
8. अध्याय के अभ्यास प्रश्न (विस्तृत उत्तर)
प्रश्न 1: बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ)
प्रश्न 2: लघु उत्तरीय प्रश्न (लगभग 30 शब्द)
प्रश्न 3: दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (लगभग 150 शब्द)
संचार विचारों, सूचनाओं और संदेशों के आदान-प्रदान से संबंधित है। जहाँ पहले संचार परिवहन पर निर्भर था, वहीं दूरसंचार और इंटरनेट जैसी प्रौद्योगिकियों ने इसे तत्काल और वैश्विक बना दिया है। यह व्यापार, प्रशासन, शिक्षा और व्यक्तिगत संबंधों को सुगम बनाता है। जनसंचार माध्यम सूचना का प्रसार करते हैं और जनमत निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। संक्षेप में, परिवहन भौतिक दूरी को पाटता है और संचार सूचनात्मक दूरी को समाप्त करता है। दोनों मिलकर दुनिया को एक "वैश्विक गाँव" बनाते हैं और आर्थिक विकास तथा सामाजिक प्रगति के लिए अनिवार्य हैं।
9. अध्याय पर आधारित नये अभ्यास प्रश्न
- तृतीयक क्रियाकलाप द्वितीयक क्रियाकलापों से किस प्रकार भिन्न हैं? मुख्य अंतर स्पष्ट कीजिए।
- ग्रामीण विपणन केंद्र और नगरीय विपणन केंद्र के बीच प्रमुख अंतरों का वर्णन कीजिए।
- फुटकर व्यापार के भंडार रहित (store-less) उदाहरण कौन-कौन से हैं? किन्हीं दो का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
- पर्यटन को प्रभावित करने वाले किन्हीं तीन कारकों की व्याख्या कीजिए।
- चिकित्सा पर्यटन क्या है? विकासशील देशों के लिए इसके क्या लाभ हैं?
- चतुर्थक और पंचम क्रियाकलापों में क्या सूक्ष्म अंतर है? उदाहरण सहित समझाइए।
- बाह्यस्रोतन (Outsourcing) क्या है? यह किन व्यावसायिक गतिविधियों में आमतौर पर किया जाता है?
- ज्ञान प्रक्रमण बाह्यस्रोतन (KPO) व्यवसाय प्रक्रमण बाह्यस्रोतन (BPO) से किस प्रकार भिन्न है?
- अंकीय विभाजक की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए और बताइए कि यह किसी देश के भीतर भी कैसे मौजूद हो सकता है।
- मुंबई की डब्बावाला सेवा तृतीयक क्षेत्र का एक विशिष्ट उदाहरण कैसे है?
10. अध्याय का संक्षिप्त सारांश (परीक्षा के लिए पुनरावृत्ति)
- तृतीयक क्रियाकलाप: सेवा क्षेत्र; अमूर्त सेवाओं का उत्पादन (व्यापार, परिवहन, संचार, आदि); विकसित अर्थव्यवस्थाओं में प्रमुख।
- व्यापार: वस्तुओं का क्रय-विक्रय; फुटकर (सीधे उपभोक्ता को) और थोक (बिचौलियों द्वारा)।
- परिवहन: लोगों और वस्तुओं की भौतिक गतिशीलता; जाल-तंत्र (नोड व योजक) बनाता है।
- संचार: विचारों का प्रेषण; दूरसंचार और इंटरनेट ने इसे तत्काल बना दिया है।
- पर्यटन: विश्व का सबसे बड़ा तृतीयक क्रियाकलाप; जलवायु, भू-दृश्य, इतिहास, संस्कृति से प्रभावित।
- चिकित्सा पर्यटन: चिकित्सा उपचार के लिए अंतर्राष्ट्रीय यात्रा; भारत एक प्रमुख केंद्र।
- चतुर्थक क्रियाकलाप: ज्ञानोन्मुखी सेवाएँ (अनुसंधान, विकास, सूचना प्रसंस्करण)।
- पंचम क्रियाकलाप: उच्चतम स्तर के निर्णय निर्माता, नीति निर्माता ('स्वर्ण कॉलर')।
- बाह्यस्रोतन (Outsourcing): लागत घटाने हेतु काम बाहर सौंपना; अपतटन (Offshoring) जब यह विदेश में हो। KPO उच्च-कुशल ज्ञान का बाह्यस्रोतन है।
- अंकीय विभाजक (Digital Divide): ICT तक पहुँच में वैश्विक और क्षेत्रीय असमानता।
तृतीयक क्रियाकलाप, चतुर्थक क्रियाकलाप, पंचम क्रियाकलाप, सेवा क्षेत्र, मानव भूगोल, कक्षा 12 भूगोल, Tertiary and Quaternary Activities, व्यापार, परिवहन, संचार, पर्यटन, चिकित्सा पर्यटन, बाह्यस्रोतन, अंकीय विभाजक, KPO, BPO, NCERT Geography Class 12 in Hindi