बिहार बोर्ड कक्षा 10 संस्कृत: अध्याय 2 - पाटलिपुत्रवैभवम्
प्रिय छात्रों, इस ब्लॉग पोस्ट में हम बिहार बोर्ड कक्षा 10 संस्कृत के द्वितीय अध्याय "पाटलिपुत्रवैभवम्" (पाटलिपुत्र का वैभव) का विस्तृत अध्ययन करेंगे। यह अध्याय हमें बिहार की राजधानी पटना, जिसे प्राचीन काल में पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था, के गौरवशाली इतिहास और महत्व से परिचित कराता है। यहाँ आपको सम्पूर्ण पाठ का सारांश, मुख्य बिंदु, कठिन शब्दों के अर्थ और अभ्यास के सभी प्रश्नों के हल मिलेंगे, जो आपकी परीक्षा की तैयारी में अत्यंत सहायक होंगे।
पुनरावृत्ति नोट्स (Revision Notes)
पाठ का सारांश:
यह पाठ "पाटलिपुत्रवैभवम्" बिहार राज्य की राजधानी पटना (प्राचीन नाम पाटलिपुत्र) के महत्व का वर्णन करता है। इसमें पाटलिपुत्र के प्राचीन इतिहास, धार्मिक महत्व, राजनीतिक स्थिति और दर्शनीय स्थलों का संक्षिप्त परिचय दिया गया है।
1. प्राचीन नाम और स्थिति:
- पाटलिपुत्र प्राचीन काल से ही एक महान नगर रहा है।
- इसके प्राचीन नाम कुसुमपुर और पुष्पपुर भी मिलते हैं।
- यह गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है।
2. ऐतिहासिक महत्व:
- भगवान बुद्ध का आगमन: भगवान बुद्ध कई बार पाटलिग्राम (पाटलिपुत्र का पुराना नाम) आए थे। उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि यह गाँव भविष्य में महानगर बनेगा, किन्तु इसे आग, पानी और युद्ध का भय हमेशा रहेगा।
- चन्द्रगुप्त मौर्य का शासनकाल: चन्द्रगुप्त मौर्य के समय पाटलिपुत्र मगध साम्राज्य की राजधानी बना। इसकी शोभा और रक्षा व्यवस्था अत्यंत उत्कृष्ट थी, जिसका वर्णन यूनानी राजदूत मेगस्थनीज ने अपने ग्रंथ 'इंडिका' में किया है।
- प्रियदर्शी अशोक का शासनकाल: सम्राट अशोक के समय में यह नगर और भी समृद्ध हुआ।
- गुप्तवंश का शासनकाल: गुप्तवंश के शासनकाल में कौमुदी महोत्सव नामक एक महान समारोह शरद ऋतु में यहाँ मनाया जाता था, जो आजकल दुर्गापूजा की तरह प्रचलित था।
- विद्वानों का केंद्र: पाटलिपुत्र प्राचीन काल से ही शिक्षा का प्रमुख केंद्र रहा है। यहाँ पाणिनि, पिंगल, व्याडि, वररुचि, पतंजलि जैसे महान विद्वानों ने ख्याति प्राप्त की। दामोदरगुप्त नामक कवि ने अपने काव्य 'कुट्टनीमताख्य' में पाटलिपुत्र को पृथ्वी का तिलक, विद्वानों की भूमि और स्वर्ग से भी सुन्दर स्थान कहा है। राजशेखर ने अपनी काव्यमीमांसा में इसका गौरवपूर्ण उल्लेख किया है।
3. मध्यकाल में पाटलिपुत्र:
- मध्यकाल में पाटलिपुत्र की स्थिति हजार वर्षों तक जीर्ण-शीर्ण रही। इसका संकेत अनेक साहित्यिक ग्रंथों एवं 'मुद्राराक्षस' नाटक में मिलता है।
- मुगल शासनकाल में इस नगर का पुनरुद्धार हुआ।
- अंग्रेजों के शासनकाल में पाटलिपुत्र (पटना) का और अधिक विकास हुआ।
4. आधुनिक पाटलिपुत्र (पटना):
- आजकल पटना बिहार राज्य की राजधानी है।
- यह नगर दिन-प्रतिदिन विस्तार कर रहा है।
- गंगा नदी इसकी उत्तर दिशा में बहती है।
- इसके ऊपर एशिया का सबसे लम्बा पुल 'गांधी सेतु' और अब रेल पुल भी निर्माणाधीन है।
5. दर्शनीय स्थल:
- संग्रहालय (Museum)
- सचिवालय (Secretariat)
- गोलघर (Golghar)
- तारामंडल (Planetarium)
- जैविक उद्यान (Biological Park - Zoo)
- मौर्यकालीन अवशेष
- महावीर मन्दिर
- पटना साहिब (सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविन्द सिंह का जन्मस्थान, जो गुरुद्वारा के नाम से प्रसिद्ध है)
मुख्य बिन्दु (Key Points):
- पाटलिपुत्र का वर्तमान नाम पटना है।
- यह गंगा नदी के तट पर स्थित है।
- बुद्ध के समय इसका नाम पाटलिग्राम था।
- चन्द्रगुप्त मौर्य और अशोक के समय यह अत्यंत समृद्ध था।
- मेगस्थनीज और फाह्यान जैसे विदेशी यात्रियों ने इसका वर्णन किया है।
- दामोदरगुप्त ने 'कुट्टनीमताख्य' और राजशेखर ने 'काव्यमीमांसा' की रचना की।
- शरद काल में 'कौमुदी महोत्सव' मनाया जाता था।
- गुरु गोविन्द सिंह का जन्मस्थान 'पटना साहिब' यहीं है।
शब्दार्थ (Word Meanings)
- महानगरम् - बड़ा शहर
- उत्कृष्टम् - बहुत अच्छा, श्रेष्ठ
- श्रूयते - सुना जाता है
- अनुगङ्गम् - गंगा के किनारे
- ग्रामोऽयम् (ग्रामः अयम्) - यह गाँव
- भविष्यति - होगा/होगी
- किन्तु - परन्तु
- कलहस्य - झगड़े का
- अग्निदाहस्य - आग लगने का
- जलपूरस्य - बाढ़ का
- भयात् - डर से
- सर्वदा - हमेशा
- आक्रान्तम् - घिरा हुआ, पीड़ित
- कालान्तरेण - समय बीतने पर
- पाटलिग्रामः एव - पाटलिग्राम ही
- पाटलिपुत्रम् इति कथितः - पाटलिपुत्र कहा गया
- समये - समय में
- रक्षाव्यवस्था - सुरक्षा का प्रबन्ध
- अति उत्कृष्टा आसीत् इति - बहुत अच्छी थी, ऐसा
- स्वसंस्मरणेषु - अपनी यादों में, अपने संस्मरणों में
- निरूपयति - वर्णन करता है
- अस्य - इसका
- वैभवम् - ऐश्वर्य, शान
- प्रियदर्शिनः - प्रियदर्शी (अशोक) के
- सुतराम् - और भी अधिक
- समृद्धम् - सम्पन्न
- बहुकालम् - बहुत समय तक
- जीर्णताम् अन्वभवत् - जीर्णता का अनुभव किया, पुराना हो गया
- सङ्केतः - इशारा, चिह्न
- अनेकत्र - अनेक स्थानों पर
- साहित्यग्रन्थेषु - साहित्यिक पुस्तकों में
- मुद्राराक्षसादिषु - मुद्राराक्षस आदि में
- लभ्यते - प्राप्त होता है
- मुगलवंशकाले - मुगल वंश के समय में
- समुद्धारः जातः - उद्धार हुआ
- आङ्ग्लशासनकाले च - और अंग्रेजों के शासनकाल में
- पाटलिपुत्रस्य सुतरां विकासो जातः - पाटलिपुत्र का और अधिक विकास हुआ
- नगरमिदम् (नगरम् इदम्) - यह नगर
- अद्यावधि - आज तक
- विशालं वर्तते - विशाल है
- सम्पत्स्यते - हो जाएगा, सम्पन्न होगा
- तस्याः उपरि - उसके ऊपर
- गांधीसेतुर्नाम - गांधी सेतु नामक
- एशियामहादेशस्य - एशिया महाद्वीप का
- दीर्घतमः सेतुः - सबसे लम्बा पुल
- किञ्च - और
- रेलयान्-सेतुरपि - रेल का पुल भी
- निर्मायमाणो वर्तते - बन रहा है
- उत्कृष्टः - श्रेष्ठ
- दर्शनीयानि सन्ति - देखने योग्य हैं
- सिक्खसम्प्रदायस्य - सिख सम्प्रदाय के
- पूजनीयं स्थलम् - पूजनीय स्थान
- गुरुद्वारैति नाम्ना प्रसिद्धं वर्तते - गुरुद्वारा इस नाम से प्रसिद्ध है
- दशमगुरुः - दसवें गुरु
- जन्मस्थानम् - जन्म का स्थान
- पर्यटकाः - घूमने वाले लोग
- दर्शनार्थम् आयान्ति - दर्शन के लिए आते हैं
अभ्यास के प्रश्नों का समाधान (Solved Exercises)
(क) एकपदेन उत्तरं वदत (एक पद में उत्तर दें - मौखिक):
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पाटलिपुत्रनगरस्य विषये द्वे वाक्ये संस्कृतभाषायां वदत।
(i) पाटलिपुत्रं गङ्गायाः तटे स्थितम् अस्ति।
(ii) इदं बिहारराज्यस्य राजधानी अस्ति। -
अधोलिखितानां समस्तपदानां विग्रहं वदत (नीचे लिखे समस्त पदों का विग्रह करें):
- सचिवालयः – सचिवानाम् आलयः (षष्ठी तत्पुरुष)
- गोलगृहम् – गोलं च तत् गृहम् (कर्मधारय) / गोलम् आकारम् यस्य तत् गृहम् (बहुव्रीहि)
- महानगरम् – महत् च तत् नगरम् (कर्मधारय)
- महीतलतिलकम् – महीतलस्य तिलकम् (षष्ठी तत्पुरुष)
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सन्धि विच्छेदं वदत (सन्धि विच्छेद करें):
- ग्रामोऽयम् – ग्रामः + अयम्
- कालान्तरेण – काल + अन्तरेण
- पाटलिपुत्रमेव – पाटलिपुत्रम् + एव
- अत्युत्कृष्टासीदिति – अति + उत्कृष्टा + आसीत् + इति
- नगरस्यास्य – नगरस्य + अस्य
- सर्वदाक्रान्तम् – सर्वदा + आक्रान्तम्
- सेतुरपि – सेतुः + अपि
(ख) एकपदेन उत्तरं लिखत (एक पद में उत्तर लिखें):
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कुट्टनीमताख्यं काव्यं कस्य कवेः रचना अस्ति?
उत्तर: दामोदरगुप्तस्य
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पाटलिपुत्रं कस्याः नद्याः तीरे स्थितमस्ति?
उत्तर: गङ्गायाः
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चन्द्रगुप्तमौर्यस्य काले अस्य नगरस्य रक्षाव्यवस्था कीदृशी आसीत्?
उत्तर: अत्युत्कृष्टा
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राज्ञः अशोकस्य समये अस्य नगरस्य वैभवं कीदृशम् आसीत्?
उत्तर: सुतरां समृद्धम्
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काव्यमीमांसा-नामकं ग्रन्थं कः अलिखत्?
उत्तर: राजशेखरः
(ग) अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया पूर्णवाक्येन लिखत (नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर संस्कृत भाषा में पूर्ण वाक्य में लिखें):
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पाटलिपुत्रस्य प्राचीननामानि कानि कानि सन्ति?
उत्तर: पाटलिपुत्रस्य प्राचीननामानि पुष्पपुरं, कुसुमपुरं, पाटलिग्रामः च सन्ति।
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भगवान् बुद्धः पाटलिग्रामविषये किम् अकथयत्?
उत्तर: भगवान् बुद्धः पाटलिग्रामविषये अकथयत् यत् अयं ग्रामः महानगरं भविष्यति किन्तु कलहस्य, अग्निदाहस्य, जलपूरस्य च भयात् सर्वदा आक्रान्तं भविष्यति।
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चन्द्रगुप्तमौर्यस्य काले पाटलिपुत्रस्य रक्षाव्यवस्था कीदृशी आसीत्?
उत्तर: चन्द्रगुप्तमौर्यस्य काले पाटलिपुत्रस्य रक्षाव्यवस्था अत्युत्कृष्टा आसीत्।
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राज्ञः अशोकस्य समये पाटलिपुत्रं कीदृशं नगरम् आसीत्?
उत्तर: राज्ञः अशोकस्य समये पाटलिपुत्रं सुतरां समृद्धं नगरम् आसीत्।
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‘काव्यमीमांसा’ ग्रन्थानुसारं पाटलिपुत्रे के के विद्वांसः अभवन्?
उत्तर: ‘काव्यमीमांसा’ ग्रन्थानुसारं पाटलिपुत्रे पाणिनि-पिङ्गलौ, व्याडि-वररुचि-पतञ्जलयः इह परीक्षिताः ख्यातिम् उपजग्मुः।
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दामोदरगुप्तः पाटलिपुत्रविषये किम् उक्तवान्?
उत्तर: दामोदरगुप्तः पाटलिपुत्रविषये उक्तवान् यत् पाटलिपुत्रं नाम महानगरं महीतलतिलकं सरस्वतीकुलगृहं च अस्ति, यत् पुरन्दरस्थानम् (इन्द्रपुरी) अपि तिरस्करोति।
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पाटलिपुत्रस्य कानिचन प्रमुखानि दर्शनीयानि स्थलानि उल्लेखयत।
उत्तर: पाटलिपुत्रस्य प्रमुखानि दर्शनीयानि स्थलानि सन्ति - संग्रहालयः, उच्चन्यायालयः, सचिवालयः, गोलगृहम्, तारामण्डलम्, जैविकोद्यानम्, मौर्यकालिकः अवशेषः, महावीरमन्दिरम्, गुरुद्वारा च।
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पाटलिपुत्रशब्दः कथं प्रसिद्धिमगमत्?
उत्तर: पाटलिग्रामः एव कालान्तरेण पाटलिपुत्रम् इति कथितः। 'पाटल' पुष्पाणां पुत्तलिका रचनाम् आश्रित्य प्रचलितः, अतः पाटलिपुत्रशब्दः प्रसिद्धिमगमत्।
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सिक्खसम्प्रदायस्य कृते पटनानगरं कथं महत्त्वपूर्णम्?
उत्तर: यतः अत्र सिक्खसम्प्रदायस्य दशमगुरुः गुरुगोविन्दसिंहस्य जन्मस्थानं 'गुरुद्वारा' इति नाम्ना प्रसिद्धं वर्तते, अतः सिक्खसम्प्रदायस्य कृते पटनानगरं महत्त्वपूर्णम् अस्ति।
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प्राचीनकाले पाटलिपुत्रे कः उत्सवः महता समारोहेण आयोजितः भवति स्म?
उत्तर: प्राचीनकाले पाटलिपुत्रे शरत्काले कौमुदीमहोत्सवः नाम महान् समारोहः गुप्तवंशशासनकाले अतीव प्रचलितः आसीत्।
(घ) अधोलिखितेषु वाक्येषु रेखाङ्कितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत (नीचे लिखे वाक्यों में रेखांकित पदों के आधार पर प्रश्न निर्माण करें):
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तत्र पर्यटकाः दर्शनार्थम् आयान्ति।
प्रश्न: तत्र के दर्शनार्थम् आयान्ति?
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मध्यकाले पाटलिपुत्रं वर्षसहस्रपरिमितं जीर्णताम् अन्वभवत्।
प्रश्न: मध्यकाले पाटलिपुत्रं कियत् कालपरिमितं जीर्णताम् अन्वभवत्?
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महानगरं भविष्यति किन्तु कलहस्य...।
प्रश्न: किं भविष्यति किन्तु कलहस्य...।
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तस्य शोभा अत्युत्कृष्टा आसीत्।
प्रश्न: कस्य शोभा अत्युत्कृष्टा आसीत्?
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तत्र कौमुदीमहोत्सवः महान् समारोहः भवति स्म।
प्रश्न: कुत्र कौमुदीमहोत्सवः महान् समारोहः भवति स्म?
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नगरस्य शोभा अशोकस्य समये सुतरां समृद्धम्।
प्रश्न: नगरस्य शोभा कस्य समये सुतरां समृद्धम्?
(ङ) रेखाङ्कितपदेषु प्रयुक्तां विभक्तिं लिखत (रेखांकित पदों में प्रयुक्त विभक्ति लिखें):
कालेन पाटलिग्रामः एव पाटलिपुत्रम्।
(तृतीया विभक्ति)
तस्य सङ्केतः अनेकेषु ग्रन्थेषु लभ्यते।
(षष्ठी विभक्ति)
नगरम् इदम् अद्यावधि विशालं वर्तते।
(प्रथमा विभक्ति)
कौमुदीमहोत्सवः गुप्तवंशशासनकाले अतीव प्रचलितः।
(प्रथमा विभक्ति)
तेषु सर्वेषु स्थानेषु।
(सप्तमी विभक्ति)
पाटलिपुत्रं गङ्गायाः तटे अवस्थितम्।
(षष्ठी विभक्ति - 'गंगा का तट')
(च) स्तम्भद्वये लिखितानां शब्दानां मेलनं कुरुत (दो स्तम्भों में लिखे शब्दों का मिलान करें):
स्तम्भ 'अ' | स्तम्भ 'ब' (सही मिलान) |
---|---|
मही | तलम् (महीतलम्) |
सुतराम् | समृद्धम् |
अत्युत्कृष्टा | आसीत् (रक्षाव्यवस्था) |
इन्द्रलोकम् | परिभूतम् (तिरस्कृतम्) |
अद्य | पाटलिपुत्रम् (आधुनिक पाटलिपुत्र से सम्बन्ध) / दुर्गोत्सवः (आजकल) |
सरस्वतीकुलगृहम् | पाटलिपुत्रम् |
दुर्गोत्सवः | अद्य (आजकल दुर्गापूजा प्रचलित है) |
(नोट: 'अद्य' का मिलान संदर्भानुसार बदल सकता है। पाठ्यपुस्तक से मिलान सुनिश्चित करें।)
(छ) रिक्तस्थानानि पूरयत (रिक्त स्थानों की पूर्ति करें):
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गङ्गाया उपरि गाँधीसेतुर्नाम ______ महादेशस्य दीर्घतमः सेतुः अस्ति।
उत्तर: एशिया
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पाटलिपुत्रनगरे प्रसिद्धं ______ अस्ति। (विकल्प: गोलगृहम् / ताजमहलम्)
उत्तर: गोलगृहम्
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पाटलिपुत्रस्य नामाङ्कनं ______ इति दृश्यते। (विकल्प: पुष्पपुरम् / मधुपुरम्)
उत्तर: पुष्पपुरम् (या कुसुमपुरम्)
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कौमुदीमहोत्सवः ______ अतीव प्रचलितः। (विकल्प: आङ्ग्लशासनकाले / गुप्तशासनकाले)
उत्तर: गुप्तशासनकाले
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पाटलिपुत्रस्य ______ दिशि गङ्गानदी प्रवहति। (विकल्प: पूर्वस्याम् / उत्तरस्याम्)
उत्तर: उत्तरस्याम्
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गुरुगोविन्दसिंहस्य जन्मस्थानं ______ नाम्ना प्रसिद्धम् अस्ति। (विकल्प: गुरुगाँव / गुरुद्वारा)
उत्तर: गुरुद्वारा
अध्याय का समापन
हमें उम्मीद है कि "पाटलिपुत्रवैभवम्" अध्याय के ये नोट्स और हल किए गए अभ्यास आपके लिए उपयोगी सिद्ध होंगे। पाटलिपुत्र का इतिहास न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत के लिए गौरव का विषय है। इस अध्याय के माध्यम से आपने इसके विभिन्न पहलुओं को जाना।
शुभकामनाएँ!
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