विश्व जनसंख्या: वितरण, घनत्व और वृद्धि - अध्याय 2 के नोट्स | Class 12 Geography | Revision notes

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विश्व जनसंख्या: वितरण, घनत्व और वृद्धि - अध्याय 2 के नोट्स | Class 12 Geography

अध्याय 2: विश्व जनसंख्या - वितरण, घनत्व और वृद्धि

नमस्ते! यह नोट्स आपके पाठ्यपुस्तक के अध्याय "विश्व जनसंख्या: वितरण, घनत्व और वृद्धि" पर आधारित हैं, जिन्हें विशेष रूप से आत्म-अध्ययन (Self-Learning) के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि आप विषय को गहराई से समझ सकें और अपनी परीक्षा की तैयारी प्रभावी ढंग से कर सकें।

परिचय

पाठ्यपुस्तक के अनुसार, किसी देश के निवासी ही उसके वास्तविक धन होते हैं। यही लोग वास्तविक संसाधन हैं जो देश के अन्य संसाधनों का उपयोग करते हैं और उसकी नीतियां निर्धारित करते हैं। अंततः, एक देश की पहचान उसके लोगों से ही होती है।

यह जानना आवश्यक है कि किसी देश में कितनी स्त्रियाँ और पुरुष हैं, प्रतिवर्ष कितने बच्चे जन्म लेते हैं, कितने लोगों की मृत्यु होती है और कैसे। क्या वे नगरों में रहते हैं अथवा गाँवों में? क्या वे पढ़ और लिख सकते हैं तथा वे क्या काम करते हैं? इन्हीं तथ्यों के बारे में हम इस इकाई में अध्ययन करेंगे।

जैसा कि राल्फ वाल्डो इमर्सन ने कहा है, एक राष्ट्र सोने से नहीं बल्कि केवल स्त्रियों और पुरुषों से मजबूत और महान बनता है।

1. विश्व जनसंख्या का वितरण

21वीं शताब्दी के प्रारंभ में विश्व की जनसंख्या 600 करोड़ (6 अरब) से अधिक दर्ज की गई। यहाँ हम जनसंख्या के वितरण और घनत्व के प्रतिरूपों की विवेचना करेंगे।

विश्व की जनसंख्या असमान रूप से वितरित है। जॉर्ज बी. क्रेसी की एशिया की जनसंख्या के संबंध में टिप्पणी है कि 'एशिया में बहुत अधिक स्थानों पर कम लोग और कम स्थानों पर बहुत अधिक लोग रहते हैं'। विश्व के जनसंख्या वितरण प्रतिरूप के संबंध में भी यह सत्य है।

  • जनसंख्या वितरण शब्द का अर्थ भू-पृष्ठ पर, लोग किस प्रकार वितरित हैं, इस बात से लगाया जाता है।
  • मोटे तौर पर विश्व की जनसंख्या का 90 प्रतिशत, इसके 10 प्रतिशत, स्थल भाग में निवास करता है।
  • विश्व के दस सर्वाधिक आबाद देशों में विश्व की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। इन दस देशों में से छह एशिया में अवस्थित हैं।

2. जनसंख्या का घनत्व

जनसंख्या के वितरण और घनत्व के प्रतिरूप हमें किसी क्षेत्र की जनांकिकीय विशेषताओं को समझने में मदद करते हैं। भूमि की प्रत्येक इकाई में उस पर रह रहे लोगों के पोषण की सीमित क्षमता होती है। अतः लोगों की संख्या और भूमि के आकार के बीच अनुपात को समझना आवश्यक है। यही अनुपात जनसंख्या का घनत्व है।

प्रमुख परिभाषाएँ और संकल्पनाएँ

जनसंख्या वितरण: भू-पृष्ठ पर लोगों के फैलाव के तरीके को जनसंख्या वितरण कहते हैं।

जनसंख्या घनत्व: लोगों की संख्या और भूमि के आकार के बीच का अनुपात। इसे सामान्यतः प्रति वर्ग किलोमीटर रहने वाले व्यक्तियों के रूप में मापा जाता है।

जनसंख्या घनत्व की गणना

जनसंख्या घनत्व की गणना के लिए निम्नलिखित सूत्र का उपयोग किया जाता है:

$$ \text{जनसंख्या घनत्व} = \frac{\text{कुल जनसंख्या}}{\text{कुल क्षेत्रफल}} $$

उदाहरण को हल करना

पाठ्यपुस्तक में दिए गए उदाहरण के अनुसार: प्रदेश 'क' का क्षेत्रफल 100 वर्ग कि.मी. है और जनसंख्या 1,50,000 है। जनसंख्या का घनत्व इस प्रकार निकाला जाएगा:

$$ \text{घनत्व} = \frac{1,50,000}{100} = 1,500 \text{ व्यक्ति/वर्ग कि.मी.} $$

यह 'क' प्रदेश के बारे में क्या बताता है? यह बताता है कि प्रदेश 'क' में प्रति वर्ग किलोमीटर 1,500 लोग रहते हैं, जो इंगित करता है कि यह एक बहुत सघन जनसंख्या वाला क्षेत्र है।

3. जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक

जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कई कारक हैं, जिन्हें मुख्य रूप से तीन समूहों में बाँटा जा सकता है:

(I) भौगोलिक कारक

  1. जल की उपलब्धता: जल जीवन का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारक है। लोग उन क्षेत्रों में बसने को प्राथमिकता देते हैं जहाँ जल आसानी से उपलब्ध होता है। यही कारण है कि नदी-घाटियाँ विश्व के सबसे सघन बसे हुए क्षेत्र हैं।
  2. भू-आकृति: लोग समतल मैदानों और मंद ढालों पर बसने को वरीयता देते हैं। ऐसे क्षेत्र फसलों, सड़क निर्माण और उद्योगों के लिए अनुकूल होते हैं। पर्वतीय क्षेत्र कम जनसंख्या वाले होते हैं, जैसे गंगा का मैदान सघन बसा है जबकि हिमालय विरल।
  3. जलवायु: सुविधाजनक जलवायु वाले क्षेत्रों में अधिक जनसंख्या पाई जाती है। अति उष्ण अथवा ठंडे मरुस्थलों की विषम जलवायु मानव बसाव के लिए असुविधाजनक होती है।
  4. मृदाएँ: उर्वर मृदाएँ कृषि के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। उर्वर दोमट मिट्टी वाले प्रदेशों में अधिक लोग निवास करते हैं क्योंकि ये गहन कृषि का आधार बन सकती हैं।

(II) आर्थिक कारक

  1. खनिज: खनिज निक्षेपों से युक्त क्षेत्र उद्योगों को आकर्षित करते हैं, जो रोज़गार उत्पन्न करते हैं। अफ्रीका की कटंगा, ज़ांबिया ताँबा पेटी इसका एक अच्छा उदाहरण है।
  2. नगरीकरण: नगर बेहतर रोज़गार, शिक्षा, चिकित्सा और परिवहन सुविधाएँ प्रस्तुत करते हैं। नगरीय जीवन का आकर्षण लोगों को नगरों की ओर खींचता है।
  3. औद्योगिकीकरण: औद्योगिक पेटियाँ बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करती हैं। जापान का कोबे-ओसाका प्रदेश इसका उदाहरण है।

(III) सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक

कुछ स्थान धार्मिक अथवा सांस्कृतिक महत्त्व के कारण अधिक लोगों को आकर्षित करते हैं। वहीं लोग उन क्षेत्रों को छोड़कर चले जाते हैं जहाँ सामाजिक और राजनीतिक अशांति होती है। कई बार सरकारें भी लोगों को विरल जनसंख्या वाले क्षेत्रों में बसने के लिए प्रोत्साहन देती हैं।

4. जनसंख्या वृद्धि (Population Growth)

जनसंख्या वृद्धि अथवा जनसंख्या परिवर्तन का अभिप्राय किसी क्षेत्र में समय की किसी निश्चित अवधि के दौरान बसे हुए लोगों की संख्या में परिवर्तन से है। यह परिवर्तन धनात्मक भी हो सकता है और ऋणात्मक भी।

जनसंख्या भूगोल की कुछ आधारभूत संकल्पनाएँ

  • जनसंख्या की वृद्धि: समय के दो अंतरालों के बीच एक क्षेत्र विशेष में होने वाली जनसंख्या में परिवर्तन।
  • जनसंख्या की वृद्धि दर: यह जनसंख्या में परिवर्तन है जो प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है।
  • जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि: जन्म और मृत्यु के अंतर से बढ़ने वाली जनसंख्या।
    $$ \text{प्राकृतिक वृद्धि} = \text{जन्म} - \text{मृत्यु} $$
  • जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि:
    $$ \text{वास्तविक वृद्धि} = (\text{जन्म} - \text{मृत्यु}) + (\text{आप्रवास} - \text{उत्प्रवास}) $$
  • जनसंख्या की धनात्मक वृद्धि: जब जन्म दर, मृत्यु दर से अधिक हो या आप्रवास हो।
  • जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धि: जब जन्म दर, मृत्यु दर से कम हो जाए अथवा उत्प्रवास हो।

5. जनसंख्या परिवर्तन के घटक

जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक हैं - जन्म, मृत्यु और प्रवास।

  • अशोधित जन्म दर (Crude Birth Rate - CBR): प्रति हजार जनसंख्या पर एक वर्ष में जन्मे जीवित बच्चों की संख्या।
    $$ \text{CBR} = \frac{\text{किसी वर्ष विशेष में जीवित जन्म}}{\text{उस क्षेत्र के मध्य वर्ष की अनुमानित जनसंख्या}} \times 1000 $$
  • अशोधित मृत्यु दर (Crude Death Rate - CDR): प्रति हजार जनसंख्या पर एक वर्ष में मृतकों की संख्या।
    $$ \text{CDR} = \frac{\text{किसी वर्ष विशेष में मृतकों की संख्या}}{\text{उस वर्ष के मध्य की अनुमानित जनसंख्या}} \times 1000 $$
  • प्रवास (Migration): जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं।
    • उद्गम स्थान: वह स्थान जहाँ से लोग जाते हैं (जनसंख्या घटती है)।
    • गंतव्य स्थान: वह स्थान जहाँ लोग आते हैं (जनसंख्या बढ़ती है)।
    • आप्रवास (Immigration): प्रवासी जो किसी नए स्थान पर आते हैं।
    • उत्प्रवास (Emigration): प्रवासी जो एक स्थान से बाहर चले जाते हैं।

6. प्रवास को प्रभावित करने वाले कारक

प्रवास को प्रभावित करने वाले कारकों के दो समूह हैं:

प्रतिकर्ष कारक (Push Factors) अपकर्ष कारक (Pull Factors)
ऐसे कारक जो उद्गम स्थान को कम आकर्षक बनाते हैं। ऐसे कारक जो गंतव्य स्थान को अधिक आकर्षक बनाते हैं।
बेरोज़गारी, रहन-सहन की निम्न दशाएँ, राजनीतिक उपद्रव, प्रतिकूल जलवायु, प्राकृतिक विपदाएँ, महामारियाँ। काम के बेहतर अवसर, रहन-सहन की अच्छी दशाएँ, शांति व स्थायित्व, जीवन व संपत्ति की सुरक्षा, अनुकूल जलवायु।

क्या आप जानते हैं?

  • विगत 500 वर्षों में मानव जनसंख्या 10 गुना से अधिक बढ़ी है।
  • अकेले 20वीं शताब्दी में जनसंख्या 4 गुना बढ़ी है।
  • प्रतिवर्ष लगभग 8 करोड़ (80 मिलियन) लोग पहले की जनसंख्या में जुड़ जाते हैं।

7. जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत (Demographic Transition Theory)

यह सिद्धांत बताता है कि जैसे ही समाज ग्रामीण, खेतिहर और अशिक्षित अवस्था से उन्नति करके नगरीय, औद्योगिक और साक्षर बनता है, तो किसी प्रदेश की जनसंख्या उच्च जन्म और उच्च मृत्यु से निम्न जन्म व निम्न मृत्यु में परिवर्तित होती है।

जनांकिकीय संक्रमण की अवस्थाएँ

  1. प्रथम अवस्था (उच्च उतार-चढ़ाव):
    • उच्च जन्म दर और उच्च मृत्यु दर।
    • जनसंख्या वृद्धि धीमी होती है।
    • समाज खेतिहर, जीवन-प्रत्याशा निम्न, अधिकांश लोग अशिक्षित होते हैं।
    • उदाहरण: वर्षा वनों के आदिवासी, बांग्लादेश (पूर्व में)।
  2. द्वितीय अवस्था (विस्तृत होती):
    • जन्म दर ऊँची बनी रहती है, लेकिन मृत्यु दर में तेजी से कमी आती है (स्वास्थ्य सुधारों के कारण)।
    • जनसंख्या में तीव्र वृद्धि होती है (जनसंख्या विस्फोट)।
    • उदाहरण: पेरू, श्रीलंका, केन्या।
  3. अंतिम/तृतीय अवस्था (निम्न उतार-चढ़ाव):
    • जन्म दर और मृत्यु दर दोनों बहुत कम हो जाती हैं।
    • जनसंख्या या तो स्थिर हो जाती है या मंद गति से बढ़ती है।
    • जनसंख्या नगरीय, शिक्षित और तकनीकी रूप से उन्नत होती है।
    • उदाहरण: कनाडा, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका।

8. जनसंख्या नियंत्रण के उपाय

परिवार नियोजन का काम बच्चों के जन्म को रोकना अथवा उसमें अंतराल रखना है। यह जनसंख्या वृद्धि को सीमित करने और महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर करने में मुख्य भूमिका निभाता है। प्रचार, गर्भ-निरोधक की सुगम उपलब्धता, और बड़े परिवारों के लिए कर-निरुत्साहक उपाय जनसंख्या नियंत्रण में सहायक हो सकते हैं।

थॉमस माल्थस का सिद्धांत (1798): माल्थस ने कहा था कि लोगों की संख्या खाद्य आपूर्ति की अपेक्षा अधिक तेज़ी से बढ़ेगी। इसका परिणाम अकाल, बीमारी तथा युद्ध द्वारा जनसंख्या में अचानक गिरावट के रूप में सामने आएगा।

9. अभ्यास प्रश्नोत्तर

1. सही उत्तर चुनिए:

(i) निम्नलिखित में से किस महाद्वीप में जनसंख्या वृद्धि सर्वाधिक है?
उत्तर: (क) अफ्रीका

(ii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक विरल जनसंख्या वाला क्षेत्र नहीं है?
उत्तर: (ग) दक्षिण-पूर्वी एशिया

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक प्रतिकर्ष कारक नहीं है?
उत्तर: (ग) चिकित्सा/शैक्षणिक सुविधाएँ (यह एक अपकर्ष कारक है)।

(iv) निम्नलिखित में से कौन-सा एक तथ्य सही नहीं है?
उत्तर: (ग) जनांकिकीय संक्रमण की प्रथम अवस्था में जनसंख्या वृद्धि उच्च होती है। (यह गलत है, प्रथम अवस्था में वृद्धि धीमी होती है)।

2. उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए:

(i) जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले तीन भौगोलिक कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: तीन भौगोलिक कारक हैं: (1) जल की उपलब्धता, (2) भू-आकृति, और (3) जलवायु। लोग जल स्रोतों के पास, समतल मैदानों और सुखद जलवायु वाले क्षेत्रों में बसना पसंद करते हैं।

(ii) विश्व में उच्च जनसंख्या घनत्व वाले अनेक क्षेत्र हैं। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर: ऐसा अनुकूल भौगोलिक कारकों (उर्वर भूमि, जल, जलवायु) और आर्थिक कारकों (खनिज, औद्योगिकीकरण, नगरीकरण) के संयोजन के कारण होता है, जो बेहतर जीवन और रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं।

(iii) जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक कौन-से हैं?
उत्तर: जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक हैं: जन्म दर (Birth Rate), मृत्यु दर (Death Rate), और प्रवास (Migration)।

3. अंतर स्पष्ट कीजिए:

आधार जन्म दर मृत्यु दर
अर्थ प्रति हजार जनसंख्या पर एक वर्ष में जीवित जन्मों की संख्या। प्रति हजार जनसंख्या पर एक वर्ष में मृतकों की संख्या।
प्रभाव जनसंख्या में वृद्धि करती है। जनसंख्या में कमी लाती है।
आधार प्रवास के प्रतिकर्ष कारक प्रवास के अपकर्ष कारक
अर्थ वे नकारात्मक कारक जो लोगों को अपना मूल स्थान छोड़ने पर मजबूर करते हैं। वे सकारात्मक कारक जो लोगों को किसी नए स्थान (गंतव्य) की ओर आकर्षित करते हैं।
उदाहरण बेरोज़गारी, राजनीतिक अशांति, प्राकृतिक आपदाएँ, महामारियाँ। बेहतर रोजगार के अवसर, शांति, अच्छी जीवन-शैली, सुरक्षा।

4. उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए:

(i) विश्व में जनसंख्या के वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना कीजिए।
उत्तर: विश्व में जनसंख्या का वितरण और घनत्व विभिन्न कारकों से जटिल रूप से प्रभावित होता है, जिन्हें तीन मुख्य श्रेणियों में बांटा जा सकता है:

  • भौगोलिक कारक: इसमें जल की उपलब्धता (नदी घाटियाँ सघन बसी हैं), भू-आकृति (समतल मैदानों में अधिक जनसंख्या), जलवायु (सुखद जलवायु वाले क्षेत्र आकर्षक होते हैं), और मृदा (उपजाऊ मिट्टी कृषि का समर्थन करती है) शामिल हैं।
  • आर्थिक कारक: खनिज सम्पन्न क्षेत्र खनन और उद्योगों के कारण लोगों को आकर्षित करते हैं। नगरीकरण बेहतर अवसर और सुविधाएँ प्रदान करता है। औद्योगिकीकरण रोजगार के केंद्र बनाता है, जिससे जनसंख्या सघन हो जाती है।
  • सामाजिक और सांस्कृतिक कारक: धार्मिक या सांस्कृतिक महत्व के स्थान तीर्थयात्रियों और बसने वालों को आकर्षित करते हैं। दूसरी ओर, सामाजिक और राजनीतिक अशांति लोगों को पलायन के लिए मजबूर करती है। सरकारी नीतियां भी जनसंख्या वितरण को प्रभावित कर सकती हैं।
इन सभी कारकों की अंतर्क्रिया विश्व में जनसंख्या के असमान वितरण का प्रतिरूप बनाती है।

(ii) जनांकिकीय संक्रमण की तीन अवस्थाओं की विवेचना कीजिए।
उत्तर: जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत यह बताता है कि कैसे एक समाज आर्थिक विकास के साथ जनसंख्या के उच्च जन्म और मृत्यु दर से निम्न जन्म और मृत्यु दर की ओर बढ़ता है। इसकी तीन अवस्थाएँ हैं:

  1. प्रथम अवस्था: इसमें उच्च जन्म दर और उच्च मृत्यु दर होती है। महामारियों और भोजन की कमी के कारण मृत्यु दर अधिक होती है, जिसकी भरपाई के लिए जन्म दर भी अधिक होती है। इस कारण जनसंख्या वृद्धि बहुत धीमी या स्थिर रहती है। समाज ग्रामीण और कृषि प्रधान होता है।
  2. द्वितीय अवस्था: इस अवस्था में स्वास्थ्य और स्वच्छता में सुधार के कारण मृत्यु दर तेजी से घटती है, लेकिन जन्म दर ऊंची बनी रहती है। जन्म और मृत्यु दर के बीच यह बड़ा अंतर "जनसंख्या विस्फोट" का कारण बनता है, जिससे जनसंख्या बहुत तेजी से बढ़ती है।
  3. तृतीय अवस्था: इस अंतिम अवस्था में, जन्म दर और मृत्यु दर दोनों काफी कम हो जाती हैं। लोग शिक्षित और नगरीय हो जाते हैं और परिवार नियोजन के तरीकों को अपनाते हैं। जनसंख्या वृद्धि या तो स्थिर हो जाती है या बहुत धीमी गति से बढ़ती है। अधिकांश विकसित देश इसी अवस्था में हैं।

बोर्ड परीक्षा से पहले पुनरावृत्ति के लिए संक्षिप्त सारांश

  • वितरण और घनत्व: जनसंख्या पृथ्वी पर असमान रूप से वितरित है। घनत्व को प्रति वर्ग किलोमीटर में मापा जाता है।
  • प्रभावित करने वाले कारक: भौगोलिक (जल, भूमि, जलवायु), आर्थिक (खनिज, उद्योग, नगर) और सामाजिक-सांस्कृतिक कारक वितरण को प्रभावित करते हैं।
  • जनसंख्या वृद्धि: यह जन्म, मृत्यु और प्रवास पर निर्भर करती है। यह धनात्मक या ऋणात्मक हो सकती है।
  • प्रवास के कारक: प्रतिकर्ष (Push) कारक लोगों को स्थान छोड़ने पर मजबूर करते हैं, जबकि अपकर्ष (Pull) कारक आकर्षित करते हैं।
  • जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत: यह जनसंख्या परिवर्तन का तीन-चरणीय मॉडल है - (1) उच्च जन्म/मृत्यु दर, (2) उच्च जन्म/निम्न मृत्यु दर, (3) निम्न जन्म/मृत्यु दर।
  • जनसंख्या नियंत्रण: परिवार नियोजन जैसे उपाय जनसंख्या वृद्धि को प्रबंधित करने में मदद करते हैं।

यह नोट्स आपको अध्याय को स्वयं समझने और परीक्षा के लिए तैयारी करने में मदद करेंगे। शुभकामनाएँ!

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